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ईडी ने रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन से करीब 10 घंटे की पूछताछ, CM के प्रेस सलाहकार के PPS के यहां भी पड़ा छापा

ईडी ने सोमवार को रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन से घंटों पूछताछ की. जमीन घोटाले में गिरफ्तार लोगों को सामने बैठाकर छविरंजन से पूछताछ की गयी. इधर, सीएम के प्रेस सलाहकार पिंटू के पीपीएस के यहां भी ईडी ने छापा मारा.

Jharkhand News: प्रवर्तन निदेशालय ने रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन से करीब 10 घंटे पूछताछ की. जमीन घोटाला मामले में आईएएस अधिकारी छवि रंजन सोमवार को समन मिलने के बाद सोमवार की सुबह 10.32 बजे इडी कार्यालय पहुंचे. ईडी कार्यालय गेट के पास पत्रकारों ने उनसे सवाल पूछे. लेकिन वह गाड़ी में बैठे रहे और बिना जवाब दिये अंदर चले गये. इसके बाद इडी के अधिकारियों ने उनसे पूछताछ शुरू की. जमीन घोटाला मामले में इडी ने तीसरी बार रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन को समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया है. छवि रंजन रात 8.41 बजे पूछताछ के बाद बाहर आये. वहीं इडी ने पूर्व में गिरफ्तार किये बड़गाई के राजस्व उप निरीक्षण भानु प्रताप, अफसर अली उर्फ अफ्सू, इम्तियाज अहमद, प्रदीप बागची, मो सद्दाम हुसैन, तलहा खान और फैयाज खान को गिरफ्तार किया था. उन्हें सुबह 11.20 बजे इडी कार्यालय से कोर्ट ले जाया गया.

ईडी ने मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार की पीपीएस उदय शंकर के घर पर छापा मारा

गिरफ्तार अभियुक्तों के आमने-सामने हुई पूछताछ के दौरान रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन ने हर बात को टालने की कोशिश की. इसके बावजूद कुछ सवालों में उलझ कर उन्होंने अपनी भूमिका को संदेहास्पद के बदले यकीन में बदल दिया. बड़गाईं अंचल अधिकारी मनोज कुमार द्वारा लगाये गये आरोपों को उन्होंने गलत बताया. साथ ही बड़गाईं अंचल की जमीन में हुई हेराफेरी के लिए अंचल के ही अधिकारियों को दोषी करार देने की कोशिश की. सोमवार की सुबह 10: 32 बजे शुरू हुई पूछताछ देर शाम तक जारी थी. रांची के तत्कालीन उपायुक्त छविरंजन समय से पहले इडी कार्यालय पहुंच गये थे. इधर सोमवार को इडी ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद बिक्री के मामले में मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू की पीपीएस उदय शंकर के डोरंडा स्थित घर पर छापा मारा.

सबसे पहले सेना के कब्जेवाली जमीन के संबंध में पूछताछ की गयी

ईडी ने सबसे पहले उनसे सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद बिक्री में उनकी भूमिका से संबंधित सवाल पूछा. इसके बाद उनके खिलाफ बड़गाईं के अंचल अधिकारी मनोज कुमार द्वारा लगाये गये आरोपों के बारे में पूछा. सीओ मनोज कुमार ने पूछताछ में इडी को बताया था कि उसे प्रदीप बागची द्वारा अंचल कार्यालय में जमा किये गये दस्तावेज पर संदेह था. लेकिन तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन द्वारा भारी दबाव व दंडित करने की धमकी देने के बाद प्रदीप बागची के पक्ष में रिपोर्ट भेजी गयी. इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री हुई. छवि रंजन ने इन आरोपों का खंडन किया और सेना की जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में सीओ सहित वहां के कर्मचारियों को दोषी बताया. हालांकि वह दस्तावेज में जालसाजी कर सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद बिक्री के सिलसिले में गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों के आमने सामने पूछताछ के दौरान इडी के सवालों में उलझ गये. कुछ सवालों के जवाब में टाल मटोल और कुछ में चुप्पी साध कर उन्होंने इस पूरे प्रकरण में अपनी संदेहास्पद भूमिका को यकीन में बदल दिया.

ईडी ने 13 अप्रैल को छापामारी कर सात को किया था गिरफ्तार

ईडी ने दस्तावेज में हेराफेरी कर सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद बिक्री के सिलसिले में 13 अप्रैल को छविरंजन सहित 18 लोगों के 21 ठिकानों पर छापा मारा था. इस दायरे में बड़गाई के अंचल अधिकारी मनोज कुमार, राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप और फर्जी दस्तावेज से जमीन के मालिक बने प्रदीप बागी का नाम शामिल था. छापामारी में मिले दस्तावेज से इस बात के सबूत मिले थे कि यहां ज़मीन की खरीद बिक्री में एक बड़ा गिरोह सक्रिय है. इसमें राज़्य के कुछ बिल्डर और बड़े व्यापारी शामिल हैं. इस गिरोह द्वारा दस्तावेज में जालसाजी कर अपने लोगों को जमीन का मालिक बना दिया जाता है.इसके बाद इन्हीं मालिकों और जमीन दलालों के सहारे जमीन की बिक्री कर दी जाती है.इस पूरे प्रक्ररण में सरकारी अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. छापामारी के दौरान छविरंजन के मोबाइल से तैयार किये गये सवाल और जवाब मिले थे. इडी कार्रवाई शुरू होने से पहले छविरंजन ने यह अनुमान लगाया था कि उनसे भी पूछताछ हो सकती है. इसको देखते हुए उन्होंने इडी द्वारा पूछे जानेवाले संभावित सवाल और जवाब लिख कर रखा था. हालांकि आज हुई पूछताछ के दौरान उनका यह मॉक ड्रिल काम नहीं आया.

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छह की रिमांड अवधि बढ़ी, फैयाज जेल भेजा गया

ईडी ने रिमांड अवधि समाप्त होने पर सातों अभियुक्तों को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया. फैयाज खान से पूछताछ की कार्रवाई पूरी होने पर उसे न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया. साथ ही भानु प्रताप, प्रदीप बागी, अफसर अली, सद्दाम हुसैन, तलहा खान और इम्तियाज अहमद की रिमांड अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया. ईडी ने जमीन की हेराफेरी के मामले में इन अभियुक्तों से और पूछताछ की जरूरत बतायी. न्यायालय ने इडी की दलील सुनने का बद इन छह अभियुक्तों की रिमांड अवधि तीन दिनों के लिए बढ़ा दी. ईडी ने पहले इन अभियुक्तों के चार दिन के रिमांड पर लिया था. दूसरी बार पांच दिनों के रिमांड पर लिया. तीसरी बार में छह अभियुक्तों को तीन दिनों के रिमांड पर लिया.

जमीन खरीद बिक्री मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों ने उदय शंकर का लिया था नाम, पड़ा छापा

इधर, प्रवर्तन निदेशालय ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद बिक्री के मामले में मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थापित पीपीएस उदय शंकर के डोरंडा स्थित घर पर छापा मारा. इस दौरान जमीन की खरीद बिक्री और निवेश से संबंधित दस्तावेज जब्त किये गये है. इडी ने यह कार्रवाई जमीन की हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किये गये सातों अभियुक्तों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर की है. पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने यह स्वीकार किया कि जमीन की खरीद बिक्री के दौरान परेशानी होने पर उदय शंकर प्रशासनिक मदद पहुंचाता था. उसके सहयोग से जमीन की खरीद बिक्री और म्यूटेशन में आनेवाली परेशानियां दूर होती थी. उल्लेखनीय है कि उदय शंकर पिछले सात-आठ साल से मुख्यमंत्री सचिवालय में पीपीएस के रूप में पदस्थापित है. वह 1998 बैच का पीए कैडर का पदाधिकारी है. मुख्यमंत्री सचिवालय द्वारा की गयी काम काज की आंतरिक व्यवस्था के तहत उदय शंकर को, प्रेस सलाहकार अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू के साथ करने का निर्देश दिया गया था. इस निर्देश के आलोक में वह पिंटू के आदेशानुसार काम करता था. छापामारी दौरान इडी के अधिकारियों ने उदय शंकर से जमीन कारोबारियों को लाभ पहुंचाने और बदले में लाभांवित होने के सिलसिले में पूछताछ की.

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