कोयले की कालाबाजारी और मनी लाउंड्रिंग के मामले में इजहार अंसारी के खिलाफ ईडी का आरोप पत्र दायर

आरोप पत्र में कहा गया कि सीए सुमन कुमार के मोबाइल फोन से मिले ब्योरे के आधार पर इजहार अंसारी को कोयले की कालाबाजारी करने और अफसरों को कमीशन देने की जानकारी मिली थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2024 7:05 AM

रांची : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयले की कालाबाजारी और मनी लाउंड्रिंग के आरोप में हजारीबाग के व्यापारी इजहार अंसारी और उसकी कंपनियों के खिलाफ पीएमएलए के विशेष न्यायाधीश की अदालत में आरोप पत्र दायर किया है. इडी ने इजहार के करीबी रिश्तेदार इश्तियाक अंसारी को भी आरोपी बनाया है. इजहार पर कोयले की कालाबाजारी से 71.32 करोड़ रुपये कमाने और उससे अर्जित धन से अचल संपत्ति खरीदने का आरोप लगाया गया है.

ईडी द्वारा पीएमएलए कोर्ट में दायर आरोप पत्र में कहा गया कि सीए सुमन कुमार के मोबाइल फोन से मिले ब्योरे के आधार पर इजहार अंसारी को कोयले की कालाबाजारी करने और अफसरों को कमीशन देने की जानकारी मिली थी. मामले की जांच के दौरान रामगढ़ थाने में इजहार अंसारी के खिलाफ कोयले की कालाबाजारी के सिलसिले में एक प्राथमिकी दर्ज पायी गयी. इस में आरोप लगाया गया था कि सरकार द्वारा सस्ती दर पर उपलब्ध कराये गये कोयले को निर्धारित उद्योग के बदले कालाबाजारी के लिए बनारस मंडी में ले जाया रहा था. कोयले को मेसर्स ओम कोक में ले जाना था, लेकिन उसे बनारस मंडी में ले जाया जा रहा था. जांच के दौरान ट्रक(जेएच02एआर-6640) को रास्ते में ही पकड़ लिया गया. ट्रक पकड़े जाने के बाद इसे पीछे-पीछे चल रहे कोयला व्यापारी फरार हो गये.

13 कंपनियां बनायी थीं, इन्हीं के नाम पर उठाया कोयला

इडी ने इजहार के खिलाफ रामगढ़ थाने में दर्ज प्राथमिकी को इसीआइआर के रूप में दर्ज किया और मनी लाउंड्रिंग के मामले की जांच शुरू की. इसमें यह पाया गया कि इजहार अंसारी ने कुल 13 कंपनियां बना रखी हैं. इन कंपनियों को केंद्र द्वारा 2007 में लागू की गयी नीति के तहत कोल लिंकेज दिया गया. इजहार अंसारी ने इन 13 उद्योगों के आवंटित कोयले की कालाबाजारी की. इजहार द्वारा बनायी गयी कंपनियों में मेसर्स कहकशां इंटरप्राइजेज, मेसर्स ओकासा कोक, मेसर्स फलक फ्यूएल सहित अन्य का नाम शामिल हैं. इजहार की कंपनियों ने सरकार द्वारा निर्धारित दर के अनुसार कोयला कंपनियों के कुल 29.50 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. इसकी कालाबाजारी कर 71.32 करोड़ रुपये में बेचा था. इस पैसे को दूसरी व्यापारिक गतिविधियों में निवेश किया और अचल संपत्ति अर्जित की.

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