झारखंड : शराब घोटाला मामले में ईडी ने योगेंद्र तिवारी के खिलाफ दायर किया आरोप पत्र, कही यह बात
आरोप पत्र में कहा गया है कि योगेंद्र तिवारी व उससे संबंधित ग्रुप का बालू, जमीन और शराब का व्यापार है. उसने बालू के कारोबार में लाइसेंस में निर्धारित शर्तों का उल्लंघन करते हुए बालू का स्टॉक किया.
रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शराब घोटाला मामले में योगेंद्र तिवारी के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया. इसमें बालू व जमीन के कारोबार से हुई कमाई के 14-15 करोड़ रुपये शराब के व्यापार में लगाने का आरोप लगाया गया है. साथ ही योगेंद्र तिवारी पर सबूत मिटाने के लिए व्यापारिक परिसर से आवश्यक दस्तावेज हटाने का भी आरोप लगाया गया है. आरोप पत्र में शराब घोटाले में राजनीतिज्ञों व अफसरों की भूमिका की जांच जारी रहने का उल्लेख किया गया है.
आरोप पत्र में कहा गया है कि योगेंद्र तिवारी व उससे संबंधित ग्रुप का बालू, जमीन और शराब का व्यापार है. उसने बालू के कारोबार में लाइसेंस में निर्धारित शर्तों का उल्लंघन करते हुए बालू का स्टॉक किया. वहीं योगेंद्र तिवारी से संबंधित व्यापारिक प्रतिष्ठानों में निवेश के लिए शेल कंपनियों का सहारा लेने और इस बिंदु पर जांच जारी रहने की बात कही गयी है. आरोप पत्र में कहा गया कि योगेंद्र तिवारी ने राजनीतिज्ञों और अफसरों के सहारे वित्तीय वर्ष 2021-22 में ग्रुप बना कर शराब के कारोबार पर एकाधिकार कायम किया. उसने अपने कर्मचारियों के नाम पर कंपनियां बनायीं. इन कंपनियों के नाम पर खाता खोले गये और उसमें बालू से हुई नाजायज कमाई के पैसे डाले गये.
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इसके बाद शराब के ठेके में इन कंपनियों के लिए लाइसेंस फीस के लिए ड्राफ्ट एक ही जिले से बनवाया. योगेंद्र तिवारी ने इन सभी कंपनियों का आयकर रिटर्न दायर करने के लिए आवश्यक ब्योरा सीए को भेजने के लिए akeshrica@ gmail. com और deoghar123 @gmail.com इमेल आइडी का इस्तेमाल किया था. इस इ-मेल का नियंत्रण योगेंद्र तिवारी के पास ही था. उसने सबूत मिटाने के उद्देश्य से mihijam. 123@ gmail.co और mihijam.81@gmail.com इ-मेल आइडी को डिलिट कर दिया था. वह अपने ग्रुप के सदस्यों के साथ सूचनाओं का आदान प्रदान भी इन्ही इ-मेल के सहारे किया करता था. शराब में मनी लाउंड्रिग की जांच के दौरान कुल 33 ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी. इसमें योगेंद्र से जुड़े 12 ठिकाने थे. लेकिन उसके किसी भी ठिकानों पर व्यापारिक गतिविधियों से जुड़े दस्तावेज नहीं मिले. उसने गड़बड़ी पर पर्दा डालने और सबूत मिटाने के उद्देश्य से दस्तावेज हटाये थे.
शराब के थोक व्यापार में शामिल इन कंपनियों के लिए एक ही जिले से ड्राफ्ट बनवाये गये थे थोक व्यापार की कंपनी किस ज़िले खाता बैंक का ठेका
आनंद ट्रेडर्स कोडरमा 35485090053 स्टेट बैंक मिहिजाम
रूपचक इंटरप्राइजेज गढ़वा 38241395480 स्टेट बैंक मिहिजाम
रूपचक इंटरप्राइजेज लातेहार 38241395480 स्टेट बैंक मिहिजाम
वैद्यनाथ इंटरप्राइजेज धनबाद 36240592405 स्टेट बैंक मिहिजाम
गुप्ता ट्रेडर्स बोकारो 36485278490 स्टेट बैंक मिहिजाम
मैहर डेवलपर्स दुमका 36484757756 स्टेट बैंक मिहिजाम
मैहर डेवलपर्स पूर्वी सिंहभूम 3648757756 स्टेट बैंक मिहिजाम
राजमहल ट्रेडर्स रामगढ़ 39377001676 स्टेट बैंक, मिहिजाम
सारण अलकोहल देवघर 35042556039 स्टेट बैंक, मिहिजाम
संजीत हेंब्रम साहिबगंज 37874637134 स्टेट बैंक, मिहिजाम
अमरेंद्र तिवारी जामताड़ा 35048121989 स्टेट बैंक, मिहिजाम
कल्याणेश्वरी इंटरप्राइजेज रांची 672900100001071 पंजाब नेशनल बैंक जामताड़ा
जमानी इंटरप्राइजेज सरायकेला 672900100000997 पंजाब नेशनल बैंक, जामताड़ा
जमानी इंटरप्राइजेज गुमला 6729002100000997 पंजाब नेशनल बैंक, जामताड़ा
विश्व इंटरप्राइजेज पलामू 6729002100001099 पंजाब नेशनल बैंक,, जामताड़ा
विश्व इंटरप्राइजेज खूंटी 4492002100002729 पंजाब नेशनल बैंक, दुमका
बासुकीनाथ इंटरप्राइजेज हजारीबाग 4492002100002002 पंजाब नेशनल बैंक, दुमका
शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी की जमानत याचिका खारिज
रांची: पीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने शराब घोटाला मामले के आरोपी योगेंद्र तिवारी की जमानत याचिका शनिवार को खारिज कर दी. श्री तिवारी की ओर से अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया व अधिवक्ता विक्रांत सिन्हा ने बहस की. इससे पूर्व अदालत से मंजूरी मिलने के बाद इडी ने कुल 14 दिनों तक रिमांड पर लेकर शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी से पूछताछ की थी. रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद योगेंद्र को अदालत में पेश किया गया. जहां से न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा, रांची भेज दिया गया. शराब घोटाले में मनी लाउंड्ररिंग के आरोप में इडी ने शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी को 19 अक्तूबर की देर शाम गिरफ्तार किया था.