रांची : टेंडर कमीशन घोटाला मामले में शनिवार को पीएमएल कोर्ट में आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. ये सुनवाई विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में हुई. संजीव लाल के वकील ने अपने मुवक्किल का पक्ष रखते हुए उसे जमानत देने की गुहार लगायी. इस मामले में ईडी के वकील ने अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा. जिसे पीएमएलए ने स्वीकार करते हुए उसे समय दे दिया है. प्रर्वतन निदेशालय को अब 29 जून से पूर्व अपना जवाब दाखिल करना है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 जून को होगी.
6 मई को संजीव लाल के ठिकानों पर पड़ा था छापा
दरअसल 6 मई को ईडी ने आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी. उनके साथ साथ उनके नौकर जहांगीर आलम के आवास पर भी रेड पड़ा था. इस छापेमारी में प्रर्वतन निदेशालय को भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ. जिसके बाद उन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया था.
ईडी ने संजीव लाल की पत्नी और पूर्व मंत्री आलमगीर से की थी पूछताछ
इस मामले में पूछताछ के लिए संजीव लाल की पत्नी रीता को पूछताछ के लिए बुलाया था. जहां उनकी पत्नी ने बरामद रुपयों के बारे में अपनी अनभिज्ञता जतायी थी. संजीव से पूछताछ के आधार पर जांच एजेंसी ने आलमगीर आलम से पूछताछ की. 15 घंटों से अधिक चली पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया था. हाल ही में आलमगीर आलम ने ग्रामीण विकास मंत्री के पद से अपना इस्तीफा दे दिया था.
संजीव लाल ही वसूलता था कमीशन की रकम
ईडी ने संजीव लाल की रिमांड अवधि के दौरान कोर्ट में पिटीशन दायर कर बताया था कि विकास योजनाओं में 15% की दर से कमीशन की वसूली होती है. संजीव लाल टेंडर मैनेज कर कमीशन की रकम वसूलता है. वसूली के लिए बने सिस्टम में इंजीनियर और ठेकेदार शामिल हैं. कमीशन की रकम जहांगीर आलम के पास रखी जाती है और यह राशि बड़े अफसरों और राजनीतिज्ञों तक जाती है.
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