Jharkhand News: पूजा सिंघल की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के वकील एसवी राजू ने सीए सुमन कुमार को एप्रूवर (गवाह) बनाये जाने की बात कही. कोर्ट ने पूजा सिंघल को दी गयी अंतरिम जमानत अवधि नहीं बढ़ायी और नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए 13 अप्रैल, 2023 की तिथि निर्धारित की. सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी को उन्हें दो महीने की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था.
जमानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ में पूजा सिंघल की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई. उनकी ओर से यह दलील दी गयी कि बेटी का इलाज चल रहा है. पिछले ही दिनों डॉक्टरों ने बेटी की बीमारी के सिलसिले में अपनी रिपोर्ट और राय दी है. इसके अनुसार, बेटी की परेशानियां बढ़ती जा रही हैं. उसके ऑपरेशन की जरूरत है. ईडी ने कोर्ट के आदेश के आलोक में बेटी की बीमारी के सिलसिले में डॉक्टरों की रिपोर्ट और इलाज के मामले में आवश्यक जांच आदि की पुष्टि की है. इसलिए अभियुक्त की अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया गया है. दलील सुनने के बाद अदालत ने यह जानना चाहा कि आखिर बीमारी के नाम पर किसी को कितने दिनों तक बाहर रखा जा सकता है? इसलिए नियमित जमानत के मुद्दे पर अपनी बात रखें.
ईडी ने अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने का किया विरोध
ईडी की ओर से अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने का विरोध किया गया. ईडी की ओर से यह कहा गया कि अभियुक्त झारखंड की प्रभावशाली आईएएस अधिकारी हैं. मामले की जांच के दौरान सीए सुमन कुमार के घर से 17.49 करोड़ और कार्यालय से 29.70 लाख रुपये जब्त किये गये थे. सुमन ने अपने बयान में यह कहा है कि जब्त की गयी राशि का एक बड़ा हिस्सा पूजा सिंघल का है. सीए सुमन के कार्यालय से हाथ से लिखे हुई कुछ पर्चियां मिली हैं. इसमें तारीख और पैसों का उल्लेख है. सुमन कुमार ने इसे कमीशन की राशि के लिए की गयी गणना बताया है. ईडी की ओर से यह कहा गया कि सुमन कुमार एप्रूवर बन रहा है. लेकिन, उसे डराया और प्रभावित किया जा रहा है. अभियुक्त एक प्रभावशाली आईएएस अधिकारी हैं. इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए. अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के बदले नियमित जमानत पर सुनवाई के लिए 13 अप्रैल की तिथि तय की है.
ईडी ने साहिबगंज के करमटोला में की पत्थर खदान व क्रशर की जांच
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), रांची की चार सदस्यीय टीम लगातार दूसरे दिन गुरुवार को साहिबगंज के करमटोला, रक्सी स्थान के नजदीक आलोक रंजन की खदान जय बजरंग स्टोन वर्कर्स में जांच की. इस दौरान इडी की टीम ने सीओ व अंचल के अमीन से फीता व ड्रोन के माध्यम से करमटोला रेलवे लाइन से लेकर संचालित क्रशर मशीन व पत्थर खदान तक मापी करवायी और सीमा क्षेत्र की जांच की. बताया जाता है कि इडी की टीम अवैध खनन से संबंधित रिपोर्ट जुटाने में लगी है. इससे पहले जांच कर रही इडी की टीम ट्रेसलेस हो गयी. जिला खनन पदाधिकारी तथा वन एवं प्रदूषण विभाग के पदाधिकारी इडी की टीम को खोजते रहे. इस दौरान अधिकारी परेशान दिखे. करीब एक घंटे बाद इडी की टीम आलोक रंजन की खदान के पास मिली. जांच के दौरान राजमहल पहाड़ को बचाने के लिए एनजीटी की प्रधान बेंच नयी दिल्ली में याचिका दायर करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता सैयद अरशद नसर को इडी के अधिकारियों के निर्देश पर केंद्रीय सुरक्षा बल ने अपनी अभिरक्षा में ले लिया था. अरशद की मोबाइल और फाइलें भी जब्त कर ली गयी थी. हालांकि, बाद में अरशद को मोबाइल व फाइलें लौटा दी गयी और उसे छोड़ भी दिया गया.