बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में ईडी की रेड से खुलासा, छवि रंजन से शाम में चेहरा ढंककर मिला था प्रेम प्रकाश

ईडी के अधिकारियों को सूचना मिली थी कि जेल में रहने के दौरान प्रेम प्रकाश ने सूरज डूबने के बाद छवि रंजन से मुलाकात की थी. दोनों की मुलाकात की सूचना मिलने के बाद ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में आवेदन देकर जेल में छापामारी करने के लिए सर्च वारंट जारी करने का अनुरोध किया.

By Prabhat Khabar News Desk | May 16, 2023 6:00 AM
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रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में छापा मारा और सीसीटीवी फुटेज को अपने कब्जे में ले लिया. सीसीटीवी फुटेज की जांच में पाया गया है कि मनी लाउंड्रिंग के आरोपी प्रेम प्रकाश ने सूरज डूबने के बाद रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन से जेल में मुलाकात की थी. वह शाम 6:41 बजे छवि रंजन के वार्ड में घुसा और शाम 7:36 बजे बाहर निकला. इस दौरान प्रेम प्रकाश ने अपने चेहरे पर गमछा लपेट रखा था. नियमानुसार, सूरज डूबने के बाद कैदियों के कमरे बंद कर दिये जाते हैं. शाम के बाद विषम परिस्थितियों में ही कैदियों के कमरे खोलने का प्रावधान है.

जेल में दोनों की मुलाकात पांच मई की शाम को हुई थी. छवि रंजन ने गिरफ्तारी के बाद पांच और छह मई की रात जेल में गुजारी थी. गौरतलब है कि ईडी की पूछताछ ने छवि रंजन ने कहा है कि वह प्रेम प्रकाश को जानते ही नहीं हैं. कभी मिले भी नहीं हैं, लेकिन ईडी के इस नये खुलासे से जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री में इन व्यक्तियों द्वारा रची गयी साजिश की भी पहली नजर में पुष्टि होती है. साथ ही जेल के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका संदेहास्पद हो गयी है.

ईडी के अधिकारियों को सूचना मिली थी कि जेल में रहने के दौरान प्रेम प्रकाश ने सूरज डूबने के बाद छवि रंजन से मुलाकात की थी. दोनों की मुलाकात की सूचना मिलने के बाद ईडी ने पीएमएलए कोर्ट में आवेदन देकर जेल में छापामारी करने के लिए सर्च वारंट जारी करने का अनुरोध किया. ईडी ने अपने आवेदन में कहा था कि जेल में प्रेम प्रकाश और छवि रंजन की मुलाकात की सूचना है. दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में रची गयी साजिश में प्रेम प्रकाश, छवि रंजन और अमित अग्रवाल के शामिल होने की जानकारी जांच के दौरान मिली है. जांच में मिली इस जानकारी की पुष्टि के लिए जेल में छापा मार कर सीसीटीवी फुटेज की जांच जरूरी है. कोर्ट ने ईडी के आवेदन में वर्णित तथ्यों के देखते हुए 15 मई को सर्च वारंट जारी कर दिया.

कोर्ट से सर्च वारंट मिलने का बाद ईडी की सोमवार दोपहर करीब 3:00 बजे टीम बिरसा केंद्रीय कारा पहुंची. यहां टीम ने जेल अधीक्षक से मिलने की इच्छा जतायी. अधीक्षक जेल में नहीं थे. जेल के दूसरे अधिकारियों ने ईडी के अफसरों को अधीक्षक के कमरे में बैठाया. अधीक्षक को ईडी के अधिकारियों के मिलने आने की जानकारी दी. कुछ देर बाद अधीक्षक पहुंचे. उनके पहुंचते ही ईडी के अधिकारियों ने अधीक्षक को सर्च वारंट पकड़ा दिया और अपने साथ अंदर ले जाकर छापामारी शुरू कर दी. इस दौरान सीसीटीवी फुटेज की जांच की. पाया गया कि सूरज डूबने के बाद प्रेम प्रकाश गमछे से अपना चेहरा ढंककर अपने वार्ड से निकला और छवि रंजन के वार्ड में गया. करीब 55 मिनट बाद प्रेम प्रकाश अपने वार्ड में लौट आया.

ईडी ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के आरोप में छवि रंजन को चार मई को गिरफ्तार कर पांच मई को कोर्ट में पेश किया था. सात मई से रिमांड पर लेकर उनसे पूछताछ जारी है. जांच के दौरान इस पूरे प्रकरण में प्रेम प्रकाश, छवि रंजन, अमित अग्रवाल व अन्य द्वारा रची गयी साजिश की बात सामने आयी थी. ईडी की ओर से इन तथ्यों की जानकारी छविरंजन और जमीन के सात कारोबारियों की गिरफ्तारी के समय ही कोर्ट को दी जा चुकी है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ईडी और जेल प्रशासन के बीच सीसीटीवी फुटेज की मांग को लेकर कानूनी विवाद चल रहा है. मनी लाउंड्रिंग के आरोपियों द्वारा जेल में जश्न मनाये जाने की सूचना के बाद ईडी ने जेल प्रशासन से सीसीटीवी फुटेज मांगा था. जेल प्रशासन ने कोर्ट से ईडी की मांग पर रोक लगाने का अनुरोध किया. हालांकि, कोर्ट ने ईडी का पक्ष सुनने के बाद सीसीटीवी फुटेज देने का आदेश दिया. जेल प्रशासन ने पीएमएलए कोर्ट के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, पर याचिका में खामियों की वजह से इस पर सुनवाई नहीं हुई है. कोर्ट ने खामियों को दूर करने का निर्देश जेल प्रशासन को दिया था, लेकिन जेल प्रशासन ने इसे दूर नहीं किया है.

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