रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू के शिवपुरी कांके रोड स्थित आवास पर प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की टीम ने बुधवार को छापेमारी की. सुबह 5:30 बजे ही इडी की टीम सदल बल पहुंच गयी थी. उस समय घर में लगभग सभी लोग सो रहे थे. किसी की नींद नहीं खुली थी. इसी बीच टीम में शामिल इडी के ऑफिसरों ने घर का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया. काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद अंदर से खोला गया. पूछा गया कि आप काैन. इस पर बताया गया कि हम इडी ऑफिस से आये हैं, तलाशी लेनी है. यह कहते हुए इडी के ऑफिसर घर में दाखिल हो गये. सुरक्षाकर्मियों ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. किसी को अंदर से बाहर और बाहर से अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था.
बताया गया कि इडी की यह छापेमारी 1000 करोड़ से अधिक के अवैध खनन से जुड़े मनी लॉउंड्रिंग मामले में की जा रही है. अवैध खनन से जुड़े विभिन्न आरोपियों से पूछताछ के दाैरान इडी को मिली जानकारी के बाद सीएम हेमत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद के आवास पर छापेमारी की जा रही है. अभिषेक प्रसाद द्वारा चाबी नहीं देने पर दोपहर लगभग एक बजे कुछ आलमीरा खोलने के लिए इडी टीम ने ताला खोलनेवाले मिस्त्री को बुलाया गया. मिस्त्री द्वारा ताला खोला गया. शाम में दस्तावेजों की कॉपी करने के लिए इडी ने फोटोकॉपी मशीन भी मंगवाया. छापेमारी शाम छह बजे के बाद भी जारी थी.
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उधर अभिषेक प्रसाद, पत्नी व परिवार के अन्य सदस्य छापेमारी के दाैरान घर के अंदर रहे. इडी की टीम द्वारा उन्हें बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गयी. वहीं जो लोग बाहर थे, उन्हें घर के अंदर जाने नहीं दिया गया. हालांकि अभिषेक प्रसाद के आठ वर्षीय पुत्र को घर से बाहर निकलने दिया गया. वह बाहर पार्क में खेलता रहा. बीच में वह कुछ देर के लिए घर गया था. उसके बाद वह फिर बाहर आ गया. देर शाम तक वह बाहर ही अपने दोस्तों के साथ खेलता रहा.
अभिषेक प्रसाद के घर पर इडी की छापेमारी शिवपुरी व आर्यपुरी मुहल्ले में रहनेवालों के लिए दिन भर काैतूहल का विषय बना रहा. घर के आसपास दिन भर लोगों की आवाजाही लगी रही. घर के बाहर मीडियाकर्मियों का जमावड़ा लगा रहा. उनके कैमरे का फोकस पिंटू का घर था. अंदर में सुरक्षाकर्मी तैनात थे. वहीं इडी की टीम अभिषेक प्रसाद से लगातार जानकारी लेती रही. इडी की टीम ने घर में रहनेवाले किरायेदारों से भी पूछताछ की. उनका कहना था कि वे किरायेदार हैं. मकान मालिक के बारे में उन्हें कोई विशेष जानकारी नहीं है. अभिषेक प्रसाद के पड़ोसियों, मुहल्लेवासियों व दोस्तों का कहना था कि एक दिन ऐसा तो होना ही था. छापेमारी पर उन्हें कोई आश्चर्य नहीं है.