Jharkhand News: ED ने जब्त की मधुकॉन कंपनी की 80.65 करोड़ की संपत्ति, जानें क्या है पूरा मामला

इडी ने रांची-टाटा रोड पर काम करनेवाली कंपनी मधुकॉन के निदेशक व लोकसभा सदस्य एन नागेश्वर राव और उनके परिजनों की करीब 80.65 करोड़ मूल्य की अचल संपत्ति जब्त की है. इडी ने बताया कि श्री राव टीआरएस से लोकसभा सदस्य हैं

By Prabhat Khabar News Desk | October 18, 2022 9:38 AM

रांची: इडी ने रांची-टाटा रोड पर काम करनेवाली कंपनी मधुकॉन के निदेशक व लोकसभा सदस्य एन नागेश्वर राव और उनके परिजनों की करीब 80.65 करोड़ मूल्य की अचल संपत्ति जब्त की है. इडी ने बताया कि श्री राव टीआरएस से लोकसभा सदस्य हैं. कथित मनी लाउंड्रिंग के एक केस में 28 अचल संपत्ति और अन्य संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की गयी है. यहां बताते चलें कि मधुकॉन कंपनी को रांची-टाटा रोड के निर्माण का मिला जिम्मा, पर वह समय पर नहीं करा पायी.

रांची एक्सप्रेस-वे लिमिटेड से जुड़ा है मामला : 

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि यह मामला धनशोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत रांची एक्सप्रेस-वे लिमिटेड, मधुकॉन प्रोजेक्ट्स लिमिटेड और इसके निदेशक एवं प्रवर्तकों से जुड़ा है.

नागेश्वर राव मधुकॉन समूह की कंपनी के प्रवर्तक एवं निदेशक हैं और उन्होंने उस बैंक ऋण की व्यक्तिगत गारंटी ली थी, जिसे रांची एक्सप्रेस-वे लिमिटेड ने नहीं चुकाया. इडी ने हैदराबाद, खम्मम और प्रकाशम जिलों में 67.08 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति के अलावा मधुकॉन प्रोजेक्ट्स लिमिटेड, मधुकॉन ग्रेनाइट्स लिमिटेड और मधुकॉन समूह की अन्य कंपनी में नागेश्वर राव और उनके परिजनों के शेयर सहित 13.57 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है. इस तरह कुल 80.65 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति अटैच हुई है.

जुलाई में 105 अचल संपत्ति कुर्क की थी :

इससे पहले जुलाई 2022 में इडी ने मधुकॉन समूह से जुड़ी और टीआरएस सांसद सहित समूह के निदेशकों एवं प्रवर्तकों से जुड़े 73.74 करोड़ रुपये मूल्य की 105 अचल संपत्ति कुर्क की थी. इडी ने रांची एक्सप्रेसवे लिमिटेड द्वारा लिये गये बैंक ऋण से 361.29 करोड़ रुपये की हेराफेरी होने का पता लगाया था.

तीन साल पूर्व सीबीआइ ने दर्ज करायी थी प्राथमिकी 

सीबीआइ की तरफ से 12 मार्च 2019 को रांची एक्सप्रेस-वे लिमिटेड के निदेशकों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. एसीबी रांची के सहयोग से यह प्राथमिकी दर्ज हुई थी. इसके बाद 30 दिसंबर 2020 को चार्जशीट भी दाखिल की गयी थी. रांची एक्सप्रेस-वे लिमिटेड को रांची-जमशेदपुर के एनएच 33 में 163.50 किमी फोर लेन सड़क बनाने का काम मिला था. एनएच-33 की 163.50 किमी की सड़क समय पर नहीं पूरी हो सकी थी, जबकि कंपनी ने बैंक से कर्ज भी लिया.

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