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ईडी ने CM हेमंत को दिया आखिरी मौका, कहा- आपका बयान दर्ज करना है, दो दिनों के अंदर आप ही बतायें, जगह कौन सी हो

यह इसीआइआर सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ और जालसाजी से संबंधित है. मामले की जांच के दौरान आपका बयान दर्ज करने के लिए छह समन भेजे गये, लेकिन आप एक बार भी इडी कार्यालय में हाजिर नहीं हुए.

By Prabhat Khabar News Desk | December 30, 2023 4:09 AM

रांची : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमीन के मामले में जांच के दौरान बयान दर्ज कराने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आखिरी मौका दिया है. इडी ने पत्र लिख कर मुख्यमंत्री को सात दिनों के अंदर बयान दर्ज कराने को कहा है. साथ ही दो दिनों के अंदर ऐसी जगह बताने को कहा है, जो दोनों के लिए उपयुक्त हो. इडी ने इस सिलसिले में भेजे गय पत्र को सातवां समन करार दिया है. साथ ही जगह से संबंधित सूचना दो दिनों के अंदर लिखित रूप से देने को कहा है.

ईडी की ओर से मुख्यमंत्री को लिखे गये पत्र में कहा गया है कि इडी द्वारा बड़गाईं अचंल के राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप के मामले में दर्ज इसीआइआर (संख्या आरएनजेडओ/25/23) की जांच की जा रही है. यह इसीआइआर सरकारी दस्तावेज में छेड़छाड़ और जालसाजी से संबंधित है. मामले की जांच के दौरान आपका बयान दर्ज करने के लिए छह समन भेजे गये, लेकिन आप एक बार भी इडी कार्यालय में हाजिर नहीं हुए. इसके लिए आपने निराधार कारण बताये. समन के आलोक में आपके हाजिर नहीं होने की वजह से मामले की जांच में अड़चन पैदा हो रही है और जांच प्रभावित है.

ईडी द्वारा भेजे गये छह समन को आलोक में आपके हाजिर नहीं होने की वजह से आपको पीएमएलए-2002 की धारा-50 के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए आखिरी मौका दिया जा रहा है. इडी ने बयान दर्ज कराने के लिए मुख्यमंत्री को ही ऐसी जगह बताने के कहा है, जो दोनों पक्षों के लिए उपयुक्त हो. बयान दर्ज कराने के लिए जगह बताने के लिए दो दिनों का समय दिया है, ताकि सात दिनों के अंदर बयान दर्ज करने की कार्रवाई की जा सके. इडी ने इस पत्र को पीएमएलए-2002 की धारा-50 के तहत समन मानने को कहा है. साथ ही यह भी कहा है कि अगर आपने इसे नहीं माना, तो यह समझा जायेगा कि आप जानबूझकर इडी द्वारा भेजे गये समन का अनुपालन नहीं करना चाहते हैं. यह पत्र या समन अपने अधिकार के तहत दुर्भावना से प्रेरित हुए बिना आपको भेजा जा रहा है, ताकि जानबूझ कर इसका अनुपालन नहीं करने पर उचित कार्रवाई की जा सके.

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मुख्यमंत्री ने समन को दुर्भावना और राजनीति से प्रेरित बताया था : जमीन के मामले की जांच के दौरान ईडी की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजा गया था. इसके बाद मुख्यमंत्री ने इडी पर दुर्भावना और राजनीति से प्रेरित हो कर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया था. साथ ही समन वापस नहीं लेने की स्थिति में कानूनी रास्ता अपनाने की बात कही थी. मुख्यमंत्री के इस पत्र के बाद भी इडी ने समन वापस नहीं लिया. मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाइकोर्ट जाने को कहा. इसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी, लेकिन हाइकोर्ट से उन्हें किसी तरह की राहत नहीं मिली. इस बीच इडी ने मुख्यमंत्री को समन भेजना जारी रखा.

हाइकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद इडी ने उन्हें छठा समन भेजा. मुख्यमंत्री ने हाजिर होने के बदले इडी को पत्र लिखा. इसमें यह कहा कि वह अपनी और अपने पारिवारिक सदस्यों की संपत्ति से संबंधित जानकारी इडी को दे चुके हैं. उनकी संपत्ति आयकर में घोषित की जा चुकी है. संपत्ति की खरीद वैध स्रोत से की गयी है. आयकर विभाग द्वारा इसे स्वीकार किया जा चुका है. इसलिए अगर इडी को कोई और जानकारी चाहिए, तो वह लिखित रूप से सूचना मांगे. वह इडी द्वारा मांगी गयी सूचनाएं उपलब्ध करायेंगे.

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