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प्रभात खबर के प्रधान संपादक को धमकी मामले में ईडी का होटवार जेल के जेलर को समन, दो जनवरी को हों हाजिर

रांची: प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को होटवार जेल से धमकी मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के जेलर को समन किया है और दो जनवरी को रांची के क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया है

By Guru Swarup Mishra | December 30, 2023 3:28 PM

रांची: प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को होटवार जेल से धमकी मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल के जेलर को समन किया है और दो जनवरी को रांची के क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया है. ईडी ने उन्हें जेल का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने को कहा है और पूछा है कि आखिर कैसे जेल के अंदर से फोन का इस्तेमाल कर धमकी दी गयी है. आपको बता दें कि रांची की होटवार जेल (बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल) से योगेंद्र तिवारी के नाम पर प्रभात खबर के प्रधान संपादक को धमकी दी गयी है.

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से मिली धमकी

प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से योगेंद्र तिवारी के नाम पर धमकी दी गयी है. धमकी का फोन 0651-2911807 से आशुतोष चतुर्वेदी के मोबाइल नंबर पर आया था. घटना को लेकर वरीय स्थानीय संपादक विजय पाठक ने झारखंड के गृह सचिव, डीजीपी, रांची के डीसी, एसएसपी, कारा महानिरीक्षक और बिरसा मुंडा कारा के अधीक्षक से लिखित शिकायत की है. उन्होंने घटना की जानकारी देते हुए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.

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योगेंद्र तिवारी के नाम से दी गयी धमकी

प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी को उक्त नंबर से फोन आया था. फोन करनेवाले ने पहले खुद का नाम योगेंद्र तिवारी बताया. इसके बाद उसने प्रभात खबर में छप रही खबरों का उल्लेख करते हुए धमकी दी. इसके कुछ देर बाद विजय पाठक के मोबाइल नंबर पर भी 0651- 2911801, 2911807, 2911805, 2911806 और 2270002 से फोन आये. हालांकि उनकी बात नहीं हो पायी. जब मामले में जानकारी हासिल की गयी, तब पता चला कि ये सभी फोन बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा से किये गये हैं.

ईडी के गवाहों को भी होटवार जेल से मिल चुकी है धमकी

गौरतलब है कि बीते दिनों बिरसा मुंडा जेल से ईडी के गवाहों को भी धमकाया गया था. प्रवर्तन निदेशालय को छापामारी के दौरान इसस संबंधित कई महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज मिले थे. ईडी ने अपने गवाहों को धमकी देने की सूचना के बाद उन फोन नंबरों को सर्विलांस पर रखा था, जिन फोन नंबरों से धमकी दी जा रही थी. इसके अलावा जांच एजेंसियों को ईडी के अधिकारियों को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रचने के सबूत भी मिले थे.

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