Jharkhand News: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में कारोबारी विष्णु अग्रवाल को समन भेज कर पूछताछ के लिए हाजिर होने का निर्देश दिया है. इससे पहले उनसे दो बार पूछताछ हो चुकी है. ईडी ने जांच में पाया कि चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन विष्णु अग्रवाल ने खरीदी है. इस जमीन की खरीद कोलकाता रजिस्ट्री कार्यालय में रखे गये मूल दस्तावेज में जालसाजी कर बनाये गये फर्जी मालिकों के माध्यम से की गयी है.
राजेश राय और भरत प्रसाद जा चुका है जेल
बता दें कि चेशायर होम रोड की जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में राजेश राय और भरत प्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. राजेश राय के दादा को जमीन का फर्जी मालिक बनाया गया था. राजेश के पावर ऑफ अटॉर्नी लेने के बाद भरत प्रसाद और इम्तियाज ने यह जमीन पहले पुनित भार्गव को बेची. इसके बाद पुनित ने यह जमीन विष्णु अग्रवाल को बेच दी.
बीरेंद्र राम मामले में हरिश यादव की गिरफ्तारी
दूसरी ओर, ईडी ने ग्रामीण विकास के सस्पेंड चीफ इंजीनियर बीरेंद्र राम के मामले में हरिश यादव को गिरफ्तार कर लिया है. उस पर मनी लाॅउंड्रिंग के लिए बनी कंपनियों से संबंधित मोबाइल नंबर रखने का आरोप है. हरिश को 12 जुलाई को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जायेगा. वहीं, ईडी ने दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में कारोबारी विष्णु अग्रवाल को समन भेज कर 17 जुलाई, 2023 को दिन के 11 बजे पूछताछ के लिए हिनू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में हाजिर होने का निर्देश दिया है.
बीरेंद्र राम मामले में छठी गिरफ्तारी
ईडी ने बीरेंद्र राम के मामले की जांच के दौरान सीए मुकेश मित्तल के सहयोगी हरिश यादव को पूछताछ के लिए समन भेजा था. ईडी के निर्देश पर 11 जुलाई को रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए हाजिर हुए. ईडी ने पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया. बीरेंद्र राम प्रकरण में गिरफ्तार किया जानेवाला वह छठा अभियुक्त है.
इन आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी
बीरेंद्र राम के फरवरी, 2023 में हुई छापामारी के बाद गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उसके चचेरे भाई आलोक रंजन को गिरफ्तार किया गया. जून में पूछताछ के बाद ईडी ने फर्जी दस्तावेज के सहारे कंपनी बनाने वाले ताराचंद, मुकेश मित्तल के सहयोगी नीरज मित्तल और हवाला कारोबारी राम प्रकाश भाटिया को गिरफ्तार किया.
ताराचंद ने फर्जी व्यापार दिखा कर 121 करोड़ रुपये किये थे जमा
ईडी ने बीरेंद्र राम की काली कमाई की मनी लाॅउंड्रिंग मामले की जांच के दौरान पाया था कि ताराचंद ने अपनी तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए फर्जी आधार और पैन कार्ड बनवाया. इसके बाद इन्ही फर्जी दस्तावेज के आधार पर तीन कंपनियां बनायी. इन कंपनियों में खाटू श्याम ट्रेडर्स, ओम ट्रेडर्स और अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स शामिल है. जांच मे पाया गया कि इन कंपनियों में खातों में फर्जी व्यापार दिखा कर 121 करोड़ रुपये जमा किये गये थे.
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मनी लॉउंड्रिंग के आरोप में हरिश यादव को किया गिरफ्तार
इन्हीं कंपनियों के सहारे बीरेंद्र राम की पांच करोड़ रुपये की काली कमाई की मनी लॉउंड्रिंग करते हुए उसके पिता गेंदा राम के खाते में ट्रांसफर किया गया था. इस रकम का इस्तेमाल कर बीरेंद्र राम ने अपने पिता के नाम पर दिल्ली में संपत्ति खरीदी थी. संपत्ति खरीदने में 18 करोड़ रुपये नकद राशि का इस्तेमाल किया गया था. ईडी ने जांच में पाया कि फर्जी दस्तावेज के आधार पर बनी कंपनियों से संबंधित मोबाइल हरिश यादव रखता था. वह सीए मुकेश मित्तल के आदेश के आलोक में इन कंपनियों से पैसा ट्रांसफर करने के लिए भेजे गये ओटीपी की जानकारी उसे देता था. इडी ने मनी लाउंड्रिंग में शामिल होने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया है.