ईडी की टीम शुक्रवार की शाम दूसरी बार जहांगीर आलम के फ्लैट में पहुंची और जांच कर रही है. आपको बता दें कि जहांगीर समेत अन्य के ठिकानों से ईडी ने 37 करोड़ से अधिक का कैश बरामद किया था. जहांगीर, झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल का सहायक है.
क्या है मामला
आपको बता दें कि जहांगीर के ठिकानों से ईडी ने 32 करोड़ की राशी जब्त की थी. जहांगीर आलम के ठिकानों पर 7 मई को ईडी ने रेड मारी थी. इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने संजीव लाल और उसके सहायक जहांगीर को गिरफ्तार किया था.
मंत्री की भी हो चुकी है गिरफ्तारी
कमीशनखोरी के इस मामले में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से ईडी ने दो बार पूछताछ की थी. दूसरी बार आलमगीर आलम से 6 घंटो की पूछताछ के बाद उन्हें 15 मई को गिरफ्तार कर लिया था. इस वक्त वो होटवार जेल में बंद हैं. ईडी ने कोर्ट में आलमगीर आलम की रिमांड की मांग की थी जिसमें पहले कोर्ट ने 6 दिन की रिमांड और फिर रिमांड अवधि खत्म होने के बाद वापस से 5 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है. जहांगीर आलम और संजीव लाल से पूछताछ करने के बाद ईडी को अहम सुराग मिले थे जिसके बाद आलमगीर को गिरफ्तार किया था. ईडी को छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज मिले थे. दस्तावेज में टेंडर की कुल राशि, कमीशन और मंत्री की हिस्सेदारी का ब्योरा है.
ईडी को मनिष रंजन को पूछताछ के लिए बुलाया
रिश्वत कांड में ईडी ने आईएएस अधिकारी मनीष रंजन को पूछताछ के लिए शुक्रवार को बुलाया था. ईडी ने 22 मई को समन जारी कर मनीष रंजन को उनकी संपत्ति और आय से जुड़े दस्तावेज लाने को कहा था. लेकिन शुक्रवार को मनीष रंजन पूछताछ के लिए नहीं पहुंचे. आपको बता दें कि ईडी को कथित तौर पर एक एक्सेल सीट मिली है जिसमें मनीष रंजन का नाम है. हालांकि मनीष रंजन ने ईडी से किसी और तारिख की मांग की है.
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