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ईडी के गवाहों को रांची की बिरसा मुंडा जेल से फोन पर दी जा रही थी धमकी, मिले अहम सबूत

ईडी ने अपने गवाहों को धमकी देने की सूचना के बाद उन फोन नंबरों को सर्विलांस पर रखा था, जिन फोन नंबरों से धमकी दी जा रही थी. जांच में सभी फोन नंबरों के लोकेशन बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के आसपास के टावरों के मिले.

प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की टीम को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा (होटवार) में छापामारी के दौरान कई महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज मिले हैं. इसमें जेल के एक अधिकारी द्वारा फोन कर इडी के गवाहों को धमकाने का सीसीटीवी फुटेज भी शामिल है. उक्त जेल अधिकारी के कुख्यात अपराधियों और नक्सलियों के संपर्क में रहने के भी सबूत मिले हैं. इडी ने तीन नवंबर को कोर्ट के आदेश पर केंद्रीय कारा में छापा मारा था. इडी को अपने अहम गवाहों को धमकी देने की जानकारी मिली थी. उन्हें गवाही देने से मना किया जा रहा था. साथ ही बात नहीं मानने पर परेशानी में पड़ने की बात कही जा रही थी. ईडी ने अपने गवाहों को धमकी देने की सूचना के बाद उन फोन नंबरों को सर्विलांस पर रखा था, जिन फोन नंबरों से धमकी दी जा रही थी. जांच में सभी फोन नंबरों के लोकेशन बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के आसपास के टावरों के मिले. इस बात की पुष्टि होने के बाद इडी ने कोर्ट से अनुमति लेकर शुक्रवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में छापा मारा और सीसीटीवी फ़ुटेज की जांच की. इसमें इडी को मिली सूचनाएं सही पायी गयी. इडी को इस बात की सूचना मिली थी कि उसके अधिकारियों को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रची जा रही है ताकि जांच को प्रभावित किया जा सके. इसके अलावा उन मामलों को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी जिसके आधार पर इडी ने इसीआइआर दर्ज कर अवैध खनन, जमीन, मनरेगा घोटाला की जांच कर रही है. इसके लिए जेल से ही पुलिस अधिकारियों से संपर्क स्थापित किया जा रहा था. इसका उद्देश्य संबंधित प्राथमिकी में उन धाराओं को गलत साबित करना है जो धाराएं पीएमएलए के दायरे में आती हैं. प्रेम प्रकाश व उससे संबंधित कुछ अभियुक्तों द्वारा ऐसा करने का मकसद पीएमएलए कोर्ट में चल रहे मामलों में कानूनी अड़चन पैदा करना बताया जाता है.

प्रेम प्रकाश के खिलाफ बंदियों की शिकायत को जेल प्रशासन ने छिपाया

जांच में पाया गया कि कैदियों द्वारा की गयी शिकायतों का रिकॉर्ड गायब है. हालांकि बंदी रजिस्टर में कैदियों द्वारा प्रेम प्रकाश व अन्य कि खिलाफ शिकायत करने का उल्लेख है. शिकायत करने वाले कुछ कैदियों ने छापामारी के दौरान ईडी अधिकारियों को दिये गये बयान में इसका उल्लेख किया है. बिरसा मुंडा जेल प्रशासन से प्रेम प्रकाश के खिलाफ कैदियों ने गोपनीय शिकायत की थी. पत्थर खनन और भूमि घोटाला में इडी के आरोपी प्रेम प्रकाश के निर्देश पर जेल प्रशासन ने इसकी सूचना इडी या संबंधित अधिकारियों को कभी नहीं दी.

इडी ने अपने गवाहों को धमकी दिये जाने के बाद कई फोन नंबरों को सर्विलांस पर रखा था-

  • सभी फोन नंबरों के लोकेशन बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के आसपास मिले, छापेमारी में सबूत मिले

  • जेल में छापामारी के दौरान जेल के एक अधिकारी द्वारा इडी के गवाहों को धमकाने के मिले सीसीटीवी फुटेज

  • कुख्यात अपराधियों और नक्सलियों के संपर्क में थे जेल अधिकारी, इडी के अधिकारियों को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश रचने के सबूत भी मिले

नेता जी को खोज रही थी इडी की टीम, 18 घंटे का सीसीटीवी फुटेज ले गयी साथ

इडी की टीम ने रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में करीब सात घंटे तक सीसीटीवी फुटेज को खंगाला. इसमें जांच एजेंसी के पदाधिकारी एक नेताजी के फुटेज को तलाश रहे थे. इडी की टीम 18 घंटे का सीसीटीवी फुटेज पेन ड्राइव में अपने साथ ले गयी. यह नेताजी कौन हैं और इनकी इडी को तलाश क्यों है, इसका खुलासा नहीं हुआ है. उक्त नेताजी जेल में बंद प्रेम प्रकाश से मिलने गये थे. सीसीटीवी फुटेज खंगालने के दौरान जेलकर्मियों के मोबाइल इडी ने जमा करा लिये थे. जब तक जांच चली, जेल के अंदर के किसी भी जेलकर्मी को बाहर जाने की इजाजत नहीं दी गयी.

पीपी एक प्रमोटी पुलिस अफसर से करता था बात

बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में शुक्रवार को इडी की छापेमारी के बाद चर्चा आम है कि एक प्रमोटी पुलिस अफसर के साथ जेल में बंद प्रेम प्रकाश फेस टाइम एप से बातचीत करता था. यह बातचीत इडी के अफसरों को फंसाने के लिए की जा रही थी. वहीं इडी के गवाहों को भी प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी.

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