रांची : झारखंड पुलिस द्वारा ‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और वरीय स्थानीय संपादक विजयकांत पाठक के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने पर एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (इजीआइ) नयी दिल्ली से कड़ी प्रतिक्रिया दी है. घटनाक्रम पर गहरी चिंता और नाराजगी जाहिर करते हुए इजीआइ के अध्यक्ष अनंत नाथ, सचिव रुबेन बनर्जी, कोषाध्यक्ष केवीइ प्रसाद ने संयुक्त बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने मानहानि कानूनों के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए इसे समाप्त करने की मांग की है. साथ ही कहा है कि ‘प्रभात खबर’ के संपादकों पर दर्ज मुकदमा पत्रकारों को डराने और परेशान करनेवाली है.
इजीआइ ने कहा कि ‘प्रभात खबर’ की ओर से दायर उक्त शिकायत पर जांच और कार्रवाई करने के बजाय झारखंड पुलिस ने उल्टे जोगेंद्र तिवारी की तरफ से संपादकों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया. जबकि, हैरत इस बात से है कि इससे संबंधित मामले में उन्हें बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल से फोन कर धमकी दी गयी थी. यह धमकी राज्य में शराब माफिया के कुछ सदस्यों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (इडी) द्वारा दायर आरोपों पर समाचार पत्र में प्रकाशित कुछ रिपोर्टों के जवाब में दी जा रही थी. इजीआइ ने दोबारा आधिकारिक पत्र जारी कर इस मामले में जांच और कार्रवाई की मांग की है.
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गिल्ड से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि इस मामले को लेकर पूर्व में 30 दिसंबर को इजीआइ ने झारखंड के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, गृह सचिव और डीजीपी को पत्र लिखकर सरकार से इसकी जांच शुरू करने और संबंधित पक्षों को सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया था. हालांकि, अब तक इस मामले में कोई ठोस नतीजे निकलकर सामने नहीं आये.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने जतायी चिंता
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने ‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक और वरीय स्थानीय संपादक पर एफआइआर दर्ज करने के मामलो को गंभीरता से लिया है. जानकारी मिलने के बाद प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने ‘प्रभात खबर’ संपादकों के खिलाफ दर्ज किये गये फर्जी मामले की गहन जांच की मांग झारखंड सरकार और पुलिस से की है.
रांची : ‘प्रभात खबर’ के संपादकों को बिरसा मुंडा कारा से दी गयी धमकी और इसके ऊपर कार्रवाई व जांच करने की जगह पर उल्टे प्रधान संपादक और वरीय स्थानीय संपादक के खिलाफ दर्ज मुकदमों पर रांची प्रेस क्लब ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. इस पूरे मामले में कानून की धाराओं के दुरुपयोग पर गंभीर चिंता जताते हुए इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर सीधा हमला बताया है. रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष सुरेंद्र सोरेन ने कहा कि आरोपी जेल से ही सिस्टम के साथ खेल रहे हैं. हम झारखंड पुलिस द्वारा इस तरह की त्वरित कार्रवाई को लेकर अचरज में हैं.
जिस तरह से आरोपियों को जांच और कार्रवाई के दायरे से बाहर रखते हुए संपादकों पर तीन अलग-अलग धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया गया है, वह यह साबित करने के लिए काफी है कि इस राज्य में पुलिस किसी खास व्यक्ति के इशारे और दबावों पर काम कर रही है. श्री सोरेन ने इस पूरे प्रकरण को गंभीर और चिंताजनक बताते हुए इसे पूर्व में दिये गये सर्वोच्च न्यायालय के वर्डिक्ट के खिलाफ बताया है.