बाजार में भी सहजता से नहीं मिलती है किताब
एनसीइआरटी के हिंदी माध्यम की किताबें बाजार में सहजता से उपलब्ध नहीं हो पाती हैैं. इससे छात्रों को किताब मिलने में काफी परेशानी होती है. इसे देखते हुए शिक्षा मंत्री ने छात्रों के लिए भी किताब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था.
रांची : राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लड़कों को भी अब किताबें निशुल्क देने की तैयारी हो रही है. झारखंड शैक्षणिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (जीसीइआरटी) ने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजा है. सरकारी विद्यालयों की नौवीं व दसवीं कक्षा में लगभग तीन लाख छात्र अध्ययनरत हैं.
इन्हेें किताब देने पर लगभग 19 करोड़ का खर्च आयेगा. उल्लेखनीय है कि राज्य के सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा आठ तक के सभी बच्चों तथा नौवीं व दसवीं कक्षा की छात्राओं को किताबें पहले से ही निशुल्क दी जाती है. पिछले दिनों शिक्षा मंत्री ने छात्रों को भी किताबें उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को कहा था. जिसके बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने इस संबंध में प्रक्रिया शुरू की.
अभी नौवीं व दसवीं कक्षा में राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (एनसीइआरटी) का पाठ्यक्रम प्रभावी है. ऐसे में छात्रों को निशुल्क किताबें उपलब्ध कराने के लिए राज्य के अधिकारियों ने एनसीइआरटी के अधिकारियों से भी बात की है. यदि एनसीइआरटी किताब उपलब्ध नहीं कराती हैै, तो राज्य सरकार छात्रों के लिए किताब की छपाई करायेगी.