झारखंड में बनाया जायेगा एजुकेशन ग्रिड
राज्य के सामान्य व तकनीकी संस्थानों, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए ‘झारखंड एजुकेशन ग्रिड’ बनाया जायेगा.
रांची : राज्य के सामान्य व तकनीकी संस्थानों, विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए ‘झारखंड एजुकेशन ग्रिड’ बनाया जायेगा. सभी विवि, कॉलेज और संस्थान अत्याधुनिक संसाधनों से लैस इस ग्रिड से जुड़ेंगे. इसमें प्रथम चरण में 10 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जो राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत किया जायेगा. उच्च शिक्षा विभाग इसे अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है.
मिली जानकारी के अनुसार, राज्य में फिलहाल दो मुख्य सेंटर बनाये जायेंगे. सामान्य विवि, कॉलेजों व संस्थानों के लिए रांची विवि को को-अॉर्डिनेटर विवि बनाया जायेगा. वहीं, तकनीकी संस्थानों, विवि व कॉलेजों के लिए झारखंड तकनीकी विवि, नामकुम को को-अॉर्डिनेटर विवि बनाया जायेगा. रांची विवि में मोरहाबादी स्थित केंद्रीय पुस्तकालय भवन के ऊपरी तल्ले पर सेंटर की स्थापना होगी.
इसमें अत्याधुनिक संसाधनों से युक्त स्टूडियो बनेगा. ऐसा ही स्टूडियो झारखंड तकनीकी विवि के नवनिर्मित भवन में भी स्थापित किया जायेगा. दोनों जगह वर्चुअल क्लास रूम बनेंगे, जो सभी विवि, कॉलेज व संस्थान से जुड़े होंगे. दोनों सेंटर (ग्रिड) की मॉनिटरिंग उच्च शिक्षा व तकनीकी विभाग करेगा.
यूजीसी संचालित स्वयं पोर्टल से भी जुड़ेगा : दोनों एजुकेशन ग्रिड देश-विदेश के संस्थानों व विषय विशेषज्ञों से संपर्क करेंगे. इसके लिए विभिन्न संस्थानों व विवि से नियमानुसार सहयोग प्राप्त किया जायेगा. साथ ही यूजीसी द्वारा संचालित स्वयं पोर्टल से भी जुड़ेगा. इसके माध्यम से डिजिटल माध्यम से विषय की पढ़ाई के साथ-साथ विषय से संबंधित मैटेरियल व बुक भी उपलब्ध कराये जायेंगे. इस ग्रिड में शामिल शिक्षकों के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी प्रशिक्षित किया जायेगा.
प्रचार-प्रसार के लिए कार्यशाला और प्रशिक्षण भी : प्रचार-प्रसार के लिए राज्य स्तर पर कार्यशाला व प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी. साथ ही प्रोग्राम एडवाइजर सह चेयरपर्सन, प्रोग्राम डायरेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति की जायेगी. इसके अलावा इसमें विवि के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. झारखंड तकनीकी विवि को प्रथम चरण में पांच कोर्स तैयार करने की जिम्मेवारी दी गयी है. कोर्स बनाने के लिए डीन, शिक्षकों व विद्यार्थियों की एक कमेटी बनायी जायेगी. यह ग्रिड अोपेन विवि के साथ समन्वय स्थापित करेगा.