ST SC Education loan scheme in jharkhand रांची : झारखंड के अनुसूचित जाति-जनजाति के विद्यार्थियों को क्रेडिट गारंटी के बाद भी शिक्षा ऋण की सुविधा नहीं मिल रही है. विद्या लक्ष्मी पोर्टल पर ऋण से संबंधित सैकड़ों आवेदन लंबित हैं, जबकि बड़ी संख्या में ऐसे आवेदनों को रिजेक्ट किया जा रहा है. फिलहाल लंबित आवेदनों की संख्या 1500 से ऊपर है. राज्य के बैंकों ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में 7,625 छात्रों के लिए शिक्षा ऋण की स्वीकृति दी थी. इनमें एससी-एसटी वर्ग से ताल्लुक रखनेवाले करीब 413 छात्रों को ही शिक्षा ऋण की स्वीकृति दी गयी.
यह हाल तब है, जब मुख्यमंत्री ने भी एसटी-एससी वर्ग को ऋण देने में बैंकों की आनाकानी पर नाराजगी जतायी है. बैंक ऑफ इंडिया और एसबीआइ को छोड़ लगभग सभी बैंकों का प्रदर्शन इस मामले में निराशाजनक है.
भारतीय रिजर्व बैंक के प्रावधानों के तहत चार लाख तक के शिक्षा ऋण में किसी भी तरह के सिक्यूरिटी की आवश्यकता नहीं है. वहीं 7.50 लाख तक की बिना सिक्यूरिटी या गारंटी पर क्रेडिट गारंटी उपलब्ध है, इसलिए बैंकों के सामने संताल परगना काश्तकारी अधिनियम और छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम के नियम (सीएनटी-एसपीटी एक्ट) का बहाना भी नहीं है.
ज्ञात हो कि 27 मार्च को झारखंड सरकार की योजना सह वित्त सचिव हिमानी पांडेय ने भी आरबीआइ के डिप्टी गर्वनर एमके जैन के सामने आपत्ति दर्ज करायी थी.
Posted By : Sameer Oraon