राज्य में 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता व नियोजन नीति के आधार पर ही शिक्षकों की नियुक्ति होगी. राज्य में प्रस्तावित स्थानीयता व नियोजन लागू करने की प्रक्रिया पूरी होने तक शिक्षक नियुक्ति के प्रावधान में सरकार बदलाव करेगी. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने स्पष्ट कहा है कि बिहार में केवल बिहारी शिक्षक बनते हैं, तो झारखंड में भी केवल खतियानी ही शिक्षक बनेंगे. हमारी सरकार ने थर्ड व फोर्थ ग्रेड की नियुक्ति को 1932 के खतियान आधारित नियोजन नीति से जोड़ा है. विधानसभा से इसे पारित कर दिया गया है. इसे लागू करने की प्रक्रिया पूरी होने तक नियुक्ति नहीं रोकी जायेगी. ऐसा भी नहीं होने दिया जायेगा कि इस दौरान ऐसे लोगों की नियुक्ति हो जाये, जो इस प्रावधान के तहत नहीं आते हैं. उन्होंने कहा कि हम किसी को यह कहने का मौका नहीं देंगे कि हमारी नीति के अनुरूप नियुक्ति नहीं हो रही है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस पर जल्द निर्णय लिया जायेगा.
राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों के 50 हजार पद सृजित किया गया है. शिक्षकों की नियुक्ति दो चरण में करने की तैयारी है. प्रथम चरण में 26 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जायेगी. इसकी प्रक्रिया भी शुरू की गयी है. जिलों द्वारा आरक्षण रोस्टर भी क्लियर कर लिया गया है. दूसरे चरण में 24 हजार शिक्षकों की नियुक्ति होगी.
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राज्य में प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों की पिछली नियुक्ति वर्ष 2015-16 में हुई थी. वर्ष 2018-19 में एक हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई पर यह नियुक्ति भी वर्ष 2015-16 में जमा आवेदन के आधार पर ही हुई थी. ऐसे में राज्य में पिछले पांच वर्ष में प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों की कोई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है.
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल लगभग एक लाख विद्यार्थी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का इंतजार कर रहे हैं. शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं होने के करण शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए भी आवेदन जमा करने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है.