झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के लंग्स ट्रांसप्लांट की तैयारी
शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के लंग्स (फेफड़ा) ट्रांसप्लांट की तैयारी शुरू
महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (एमजीएम) चेन्नई के पल्मोनोलॉजी एंड चेस्ट विभाग में भर्ती राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के लंग्स (फेफड़ा) ट्रांसप्लांट की तैयारी शुरू कर दी गयी है. इसके लिए चेन्नई में पंजीयन करा दिया गया है. शिक्षा मंत्री को लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए ब्रेन डेड व्यक्ति के फेफड़े की खोज की जा रही है.
कोरोना संक्रमित शिक्षा मंत्री एशिया के तीसरे व्यक्ति होंगे, जिनके फेफड़े का प्रत्यारोपण हो रहा है. कोरोना काल में अब तक दिल्ली व कोलकाता के एक-एक कोरोना संक्रमित का फेफड़ा ट्रांसप्लांट किया गया है. यह दोनों ट्रांसप्लांट एमजीएम चेन्नई में ही किया गया है.
10 दिनों तक शिक्षा मंत्री को एकमो मशीन पर रखा गया : एमजीएम चेन्नई के लंग्स ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ व इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी एंड चेस्ट मेडिसिन के क्लिनिकल डायरेक्टर डॉ अपार जिंदल ने बताया कि 10 दिनों तक शिक्षा मंत्री को एकमो मशीन पर रखा गया, लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है.
सीटी स्कैन व अन्य सभी जांच का रिव्यू करने के बाद फेफड़ा प्रत्यारोपण करने का फैसला लिया गया है. परिजन भी प्रत्यारोपण को तैयार हो गये हैं. पारिवारिक सहमति के बाद ही अंगदान के लिए पंजीयन कराया गया है. फेफड़ा मिलते ही प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
लंग्स ट्रांसप्लांट में 30 लाख तक का खर्च
लंग्स ट्रांसप्लांट भी हार्ट की तरह ही होता है. ब्रेन डेड व्यक्ति के शरीर से लंग्स दान के रूप में लिया जाता है, जिसे खराब फेफड़ावाले व्यक्ति में प्रत्यारोपित किया जाता है. ट्रांसप्लांट की पूरी प्रक्रिया में 30 लाख रुपये तक खर्च आता है.
ट्रांसप्लांट के बाद व्यक्ति कई वर्षों तक आसानी से जीवित रह सकता है. हालांकि, अभी विश्व में एक व्यक्ति लंग्स ट्रांसप्लांट के बाद 31 सालों से जीवित है. वैसे शरीर दूसरे के लंग्स को स्वीकार नहीं करती है, लेकिन दवाओं के माध्यम से यह तुरंत काम करने लगता है.
posted by : sameer oraon