झारखंड के 32 हजार पारा शिक्षकों का नहीं बढ़ा चार फीसदी मानदेय, 26 हजार का ही हुआ है सेवा सत्यापन
कक्षा एक से पांच के शिक्षकों का सेवा सत्यापन मुखिया व छह से आठ तक के शिक्षकों का प्रमुख के स्तर से किया जाना है. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा इस संबंध में जिलों को निर्देश भी दिया गया, इसके बाद भी अब तक आधे शिक्षकों का ही सेवा सत्यापन नहीं हो सका है.
रांची: झारखंड के 32 हजार सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) को चार फीसदी मानदेय बढ़ोतरी का लाभ नहीं मिल रहा है. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा प्रतिमाह लगभग 58 हजार पारा शिक्षकों को मानदेय भेजा जाता है, इनमें से लगभग 26 हजार शिक्षकों को ही मानदेय बढ़ोतरी का लाभ मिल रहा है. सहायक अध्यापक सेवा शर्त नियमावली के अनुरूप इस वर्ष एक जनवरी से शिक्षकों के मानदेय में चार फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है. मानदेय बढ़ोतरी के लिए शिक्षकों के संतोषप्रद सेवा होने का सत्यापन अनिवार्य किया गया है. इधर, शहरी क्षेत्र के स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का सेवा सत्यापन किस स्तर से होगा, इसका प्रावधान नियमावली में नहीं है. इस कारण शहरी क्षेत्र के शिक्षकों के मानदेय की बढ़ोतरी ही नहीं हुई है.
शहरी क्षेत्र के शिक्षकों के मानदेय की बढ़ोतरी नहीं
कक्षा एक से पांच के शिक्षकों का सेवा सत्यापन मुखिया व छह से आठ तक के शिक्षकों का प्रमुख के स्तर से किया जाना है. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा इस संबंध में जिलों को निर्देश भी दिया गया, इसके बाद भी अब तक आधे शिक्षकों का ही सेवा सत्यापन नहीं हो सका है. दूसरी ओर शहरी क्षेत्र के स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का सेवा सत्यापन किस स्तर से होगा, इसका प्रावधान नियमावली में नहीं है. इस कारण शहरी क्षेत्र के शिक्षकों के मानदेय की बढ़ोतरी ही नहीं हुई है.
परीक्षा के बाद मानदेय में 10 फीसदी की बढ़ोतरी
सेवा शर्त नियमावली के अनुसार प्रति वर्ष शिक्षक के मानदेय में चार फीसदी की बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा आकलन परीक्षा वैसे शिक्षकों के लिए आयोजित की जायेगी, जो पात्रता परीक्षा सफल नहीं हैं. आकलन परीक्षा में सफल होने पर शिक्षक के मानदेय में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की जायेगी.