झारखंड के स्कूलों में 2052 तक पढ़ायेंगे पारा शिक्षक, हेमंत सोरेन सरकार की क्या है प्लानिंग?
झारखंड में पारा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष निर्धारित की गयी है. सेवानिवृत्ति पर शिक्षक कल्याण कोष से इन्हें एकमुश्त राशि देने की तैयारी है. इसके लिए कल्याण कोष का गठन किया जायेगा.
रांची: झारखंड के स्कूलों में वर्ष 2052 तक सहायक अध्यापक (पारा शिक्षक) पढ़ायेंगे. इसके बाद स्कूलों में पारा शिक्षक नहीं रहेंगे. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2052 तक सभी पारा शिक्षक सेवानिवृत्त हो जायेंगे. राज्य में वर्ष 2011 के बाद से पारा शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही है. झारखंड शिक्षा परियोजना द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में राज्य में कुल 60303 पारा शिक्षक कार्यरत हैं. अगले दस वर्षों में इनमें से लगभग 18 हजार शिक्षक सेवानिवृत्त हो जायेंगे. वर्ष 2034 तक राज्य में कार्यरत पारा शिक्षकों की संख्या 42,537 बच जायेगी. वर्ष 2045 में शिक्षकों की संख्या दस हजार से कम हो जायेगी. वर्ष 2045 में शिक्षकों की संख्या 9620 रहेगी. वर्ष 2050 में शिक्षकों की संख्या एक हजार से कम रह जायेगी. वर्ष 2052 में 48 पारा शिक्षक सेवानिवृत्त होंगे. इसके साथ ही विद्यालयों में एक भी पारा शिक्षक नहीं रहेंगे. रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2034 से सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षकों की संख्या बढ़ेगी. वर्ष 2034 में पहली बार 3000 शिक्षक सेवानिवृत्त होंगे. सबसे अधिक 3530 शिक्षक वर्ष 2036 में रिटायर होंगे. पारा शिक्षकों के कल्याण कोष के गठन को लेकर मंगलवार को झारखंड शिक्षा परियोजना की निदेशक किरण कुमारी पासी की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें पारा शिक्षक, बीआरपी-सीआरपी व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिक्षक संघ के प्रतिनिधि शामिल हुए.
60 वर्ष है सेवानिवृत्ति की उम्र
झारखंड में पारा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष निर्धारित की गयी है. सेवानिवृत्ति पर शिक्षक कल्याण कोष से इन्हें एकमुश्त राशि देने की तैयारी है. इसके लिए कल्याण कोष का गठन किया जायेगा.
कल्याण कोष से एक लाख देने का प्रस्ताव, तैयार नहीं हुए शिक्षक
पारा शिक्षकों के कल्याण कोष के गठन को लेकर मंगलवार को झारखंड शिक्षा परियोजना की निदेशक किरण कुमारी पासी की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें पारा शिक्षक, बीआरपी-सीआरपी व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिक्षक संघ के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक में प्रतिनिधियों को बताया गया अगर वे प्रति माह 507 रुपये का योगदान कल्याण कोष में देते हैं, तो उन्हें सेवानिवृत्त होने या किसी शिक्षक के निधन होने पर उनके परिजनों को एक लाख रुपये मिलेगा. इस पर प्रतिनिधियों ने आपत्ति जतायी. प्रतिनिधियों का कहना था कि वर्ष 2052 में सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक की अपनी राशि ही 1.75 लाख से अधिक जमा होगी. फिर उन्हें एक लाख रुपये किस आधार पर दिया जायेगा. बैठक में कल्याण कोष से मिलने वाली राशि पर सहमति नहीं बन पायी. अब परियोजना द्वारा इसे लेकर फिर से प्रस्ताव तैयार किया जायेगा. शिक्षक प्रतिनिधियों ने कहा कि शिक्षक के निधन होने पर मिलने वाली राशि सेवानिवृत्त होने पर मिलने वाली राशि से अधिक रखी जाये. बैठक में शिक्षकों के इपीएफ व बीमा के प्रस्ताव के बारे में भी जानकारी दी गयी.
वर्ष 2052 तक कार्यरत शिक्षकों की संख्या
वर्ष@शिक्षक
2023@60303
2027@57031
2032@47867
2037@32722
2042@18755
2047@4001
2052@48