झारखंड में सुखाड़ का दिखा असर, 35 लाख टन कम हुआ धान का उत्पादन, पढ़ें पूरी खबर
झारखंड में सुखाड़ का असर खरीफ की फसलों पर दिखा है. राज्य में करीब 18 लाख 53 हजार टन धान का उत्पादन हुआ है. इस तरह से राज्य में 35 लाख टन कम धान का उत्पादन हुआ है. बता दें कि राज्य के 226 प्रखंड सूखे की चपेट में था.
रांची, मनोज सिंह : झारखंड में पिछले साल से करीब 35 लाख टन कम धान का उत्पादन हुआ है. कृषि निदेशालय से भेजी गयी दूसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में करीब 18.53 लाख टन धान का उत्पादन हुआ है. राज्य में सूखा पड़ जाने के कारण इस बार खरीफ के मौसम में अच्छी खेती नहीं हुई थी. 226 प्रखंड को राज्य सरकार ने सूखा ग्रस्त घोषित कर दिया था. बीते खरीफ में मात्र 7.69 लाख हेक्टेयर में ही धान लग पाया था. लक्ष्य करीब 18 लाख हेक्टेयर में धान लगाने का लक्ष्य रखा गया था. बारिश कम होने के कारण इस वर्ष मक्का का उत्पादन भी करीब दो लाख टन कम हुआ है. बीते साल करीब 74.36 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था. इस वर्ष मात्र 32.76 लाख टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है. बीते साल करीब 65 लाख टन के आसपास तेलहन-दलहन छोड़ अन्य फसलों का उत्पादन हुआ था. इस साल यह उत्पादन करीब 26 लाख टन के आसपास की है.
फसल का उत्पादन (लाख टन में)
फसल : वर्ष 2021-22 : वर्ष 2022-23
धान : 53.08 : 18.53
मक्का : 6.36 : 4.13
तूर : 2.88 : 2.03
उरद : 1.28 : 0.08
मूंग : 0.16 : 0.17
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राज्य को केंद्र से राहत मिलने का इंतजार
पिछले साल समय पर बारिश नहीं होने से खरीफ में खेती अच्छी नहीं हो पायी थी. इसको लेकर राज्य सरकार ने अधिकारियों से ग्राउंड रिपोर्टिंग करायी थी. इसके आधार पर 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया था. इसके लिए केंद्र सरकार के सहयोग भी मांगा गया है. तब तक राज्य सरकार ने अपने स्तर से किसानों को 3500 रुपये की नकद सहायता दी है. केंद्र सरकार की एक उच्चस्तरीय टीम ने झारखंड के कई जिलों का दौरा किया है. टीम ने अपनी रिपोर्ट भारत सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग को दे दी है. राज्य सरकार ने केंद्र से सूखा राहत मद में करीब नौ हजार करोड़ रुपये की मांग की है.