भाजपा अध्यक्ष पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के विरोध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका, दीपक प्रकाश ने झामुमो सरकार पर किया हमला

Jharkhand News, CM Hemant Soren, Sedition Case, Deepak Prakash: झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश पर देशद्रोह का दूसरा मुकदमा दर्ज होने से गुस्साये पार्टी कार्यकर्ताओं ने रविवार (1 नवंबर, 2020) को जगह-जगह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पुतले फूंके. भारतीय जनता पार्टी ने इसे दुमका और बेरमो उपचुनाव में अपनी आसन्न हार को देखते हुए हेमंत सोरेन की सरकार की ओर से की गयी कार्रवाई करार दिया है. वहीं, दीपक प्रकाश ने झामुमो सरकार को चुनौती दी है कि हिम्मत है, तो वह उन्हें गिरफ्तार करके दिखाये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2020 8:26 PM

रांची : झारखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश पर देशद्रोह का दूसरा मुकदमा दर्ज होने से गुस्साये पार्टी कार्यकर्ताओं ने रविवार (1 नवंबर, 2020) को जगह-जगह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पुतले फूंके. भारतीय जनता पार्टी ने इसे दुमका और बेरमो उपचुनाव में अपनी आसन्न हार को देखते हुए हेमंत सोरेन की सरकार की ओर से की गयी कार्रवाई करार दिया है. वहीं, दीपक प्रकाश ने झामुमो सरकार को चुनौती दी है कि हिम्मत है, तो वह उन्हें गिरफ्तार करके दिखाये.

श्री प्रकाश ने कहा कि भीमा कोरेगांव हिंसा के आरोपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वालों के साथ सांठ-गांठ रखने वालों को क्लीन चिट दी जा रही है और मां भारती का सेवक राष्ट्रद्रोही हो गया. उन्होंने कहा कि जनहित में सवाल पूछेंगे. सरकार में हिम्मत है, तो उन्हें गिरफ्तार करे. श्री प्रकाश ने भाजपा कार्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार अपनी विफलताओं से घबराहट में है. इसलिए जनहित के सवाल इसे अच्छे नहीं लग रहे.

उन्होंने कहा कि जनता इनकी नीयत और नीति को 10 महीने में ही समझ चुकी है. इस महागठबंधन के दोनों उम्मीदवार उपचुनाव में बुरी तरह पराजित होंगे. जिस तरह से प्रदेश में राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश है, एनडीए के दोनों प्रत्याशी भारी बहुमत से जीतेंगे. राज्यसभा सांसद श्री प्रकाश ने कहा कि खुले मंच से लाठी-डंडे की बात करने वाले मुख्यमंत्री के मुंह से संवैधानिक मर्यादाओं की बात शोभा नहीं देती.

Also Read: झारखंड के डीजीपी ने पुलिसकर्मियों को दी अपराधियों का एनकाउंटर करने की खुली छूट

श्री प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री को देश की संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा नहीं है. न्यायालय पर भरोसा नहीं है. इसलिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश रचने वालों से सांठ-गांठ रखने वाले स्टेन स्वामी को 20 मिनट में क्लीन चिट दे देते हैं. उन्होंने कहा कि एनआइए ने स्टेन स्वामी पर 5,000 पेज की चार्जशीट तैयार की है, जिसमें हत्या कराने की साजिश, माओवादी-नक्सल गठजोड़ आदि के प्रमाण मौजूद हैं.

दीपक ने हेमंत सरकार की विफलताएं गिनायीं

दीपक प्रकाश ने कहा कि आदिवासी-मूलवासी के हित की बात करने वाले, लंबे-चौड़े झूठे वादों के बल पर सत्ता प्राप्त करने वालों से आखिर सवाल क्यों नहीं पूछा जाये. सरकार बनते ही 29 दिसंबर, 2019 को चाईबासा के गुदड़ी में 7 आदिवासियों की नृशंस हत्या होती है. 12 जून, 2020 को झारखंड के अमर शहीद सिदो कान्हू के वंशज की हत्या होती है. 10 महीनों में ही राज्य में बहन-बेटियों से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है.

Also Read: दुमका उपचुनाव से पहले बोले हेमंत सोरेन, राज्य के उद्योगों में 80% झारखंडी को रोजगार, सरकार को अस्थिर करने में जुटी है भाजपा

श्री प्रकाश ने कहा कि 31 मार्च, 2020 को गिरिडीह में हुई घटना पर झारखंड हाइकोर्ट ने सरकार को फटकार लगायी. 22 जुलाई को मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में दारोगा ने युवती की सरेआम पिटाई की, गढ़वा में 15 अगस्त को रक्षा बंधन के पवित्र दिन भी बेटियों से दुष्कर्म, 26 अगस्त को मांडू थाना में दुष्कर्म, 20 सितंबर को रांची पुलिस गेस्ट हाउस में दुष्कर्म, 9 सितंबर को गोड्डा में सनातन संस्कृति की ध्वज वाहक साध्वी से आश्रम में दुष्कर्म, 12 एवं 13 अक्टूबर को फिर से मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बरहेट और राज्य की उपराजधानी दुमका में नाबालिग स्कूली छात्रा से दुष्कर्म हुए.

भाजपा अध्यक्ष पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने के विरोध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका, दीपक प्रकाश ने झामुमो सरकार पर किया हमला 2
हालात भयावह हैं, हम सवाल पूछेंगे : दीपक प्रकाश

श्री प्रकाश ने कहा कि ऐसे भयावह हालात में मुख्यमंत्री से सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए क्या. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार की उदासीनता के कारण 12 हजार आदिवासी-मूलवासी शिक्षकों की नौकरी अधर में लटक गयी है. अनुबंधित कर्मियों पर पुलिसिया जुल्म ढाया जा रहा है, क्या विपक्ष को इस पर सवाल पूछने का अधिकार नहीं है. राज्य सरकार ने राज्य के आंदोलनकारियों की पेंशन रोक दी है, जिसे भाजपा सरकार ने शुरू किया था. क्या इस बारे में सरकार से सवाल पूछना गलत है. आदिवासी धर्मगुरुओं की सम्मान राशि सरकार ने बंद कर दी, यह आदिवासियों का हित है?

Also Read: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा को बताया अंग्रेजों का एजेंट, कहा, भारत को भी गिरवी रख देंगे

श्री प्रकाश ने कहा कि उन्हें गिरफ्तारी का डर नहीं है. सरकार में हिम्मत है, तो मैं 2 नवंबर की सुबह 10 बजे तक वह रांची में ही हैं. 10 बजे के बाद केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली जायेंगे और 3 नवंबर को फिर रांची आयेंगे. हेमंत सरकार में हिम्मत है, तो उन्हें गिरफ्तार करके दिखाये. श्री प्रकाश ने भाजपा की सरकार के गठन के बयान पर कहा कि हेमंत सरकार अंतर्द्वंद्वों से घिरी है. इस सरकार में मंत्री, मुख्यमंत्री के अलावा सत्ता पक्ष के विधायकों को कोई नहीं पूछता. आपसी फूट और विरोध के कारण यह सरकार स्वतः गिर जायेगी.

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version