झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मंत्री चंपई सोरेन का प्रयास रंग लाया. आदिम जनजाति समुदाय के टुना सबर को आखिरकार नया जीवन मिल गया. चर्म रोग से अब उसे लगभग मुक्ति मिल चुकी है. पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त की देखरेख में चिकित्सकों की टीम ने टुना सबर को उसका पुराना स्वरूप लौटा दिया. जीवन की आस छोड़ चुके टुना के चेहरे पर अब उम्मीद की मुस्कान है.
पूर्वी सिंहभूम के डुमरिया प्रखंड के केंदुआ पंचायत स्थित दंपाबेड़ा गांव में निवास करने वाले एक बेहद गरीब व्यक्ति टुना सबर गंभीर चर्म रोग से पीड़ित था. टुना सबर की बीमारी की जानकारी मुख्यमंत्री को मिली. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्वी सिंहभूम की उपायुक्त विजया जाधव को टुना के बेहतर इलाज का निर्देश दिया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर उपायुक्त विजया जाधव ने पूरे मामले की जानकारी ली. इसके बाद उन्होंने एंबुलेंस भेजकर टुना सबर को जमशेदपुर स्थित सदर अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया. 7 फरवरी को टुना सबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद शुरू हुआ उसका इलाज. करीब 15 दिनों के इलाज के बाद अब टुना सबर गंभीर चर्म रोग से मुक्ति पाने से बस कुछ ही कदम दूर है.
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डुमरिया प्रखंड अंतर्गत केंदुआ पंचायत के दंपाबेड़ा में निवास करने वाले सबर परिवारों को उपायुक्त के निर्देश पर गांव में विशेष शिविर लगाकर सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया. सभी को डाकिया योजना के तहत हर माह खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है.
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पूर्वी सिंहभूम की डीसी विजया जाधव ने कहा है कि टुना सबर के स्वास्थ्य में लगातार सुधार होना सुखद है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर सबर परिवारों को सरकार की विभिन्न योजनाओं से जोड़ा जा रहा है. सबर परिवारों के अतिरिक्त जिला के सभी जरूरतमंदों तक योजनाओं का लाभ पहुंचे. इसका प्रयास हो रहा है.