रांची़ एसीबी के विशेष न्यायाधीश योगेश कुमार सिंह की अदालत में 1995 में वन विभाग के कीटनाशक दवा घोटाला मामले में सुनवाई हुई. साक्ष्य के अभाव में अदालत ने वन विभाग के अधिकारी, सप्लायर सहित आठ आरोपियों को बरी कर दिया. मामले में 14 आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे. इस दौरान छह आरोपियों का निधन हो गया था. अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक बीके सहाय तथा बचाव पक्ष की ओर से प्रकाश चंद्रा, दीपक कुमार ने बहस की. अधिवक्ता रमेश चंद्रा व दीपक कुमार ने बताया कि मामले में गाड़ाेदिया परिवार के ओम, विजय, विमल व अशोक गड़ोदिया, प्रणव कुमार सेन, अंजनी कुमार सिंह, रामवृद्ध ठाकुर, बसंत मिस्त्री सहित अन्य आरोपी ट्रायल फेस कर रहे थे. पौधे में कीटनाशक दवा खरीद का टेंडर निकला था. सप्लायरों ने कीटनाशक दवा की जगह राख सप्लाई कर दिया था. इसमें वन विभाग के अधिकारियों के अपने पद का दुरुपयोग और मिलीभगत की बात सामने आयी थी. मामला सामने आने के बाद भ्रष्टाचार निराेधक ब्यूरो (एसीबी) ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी.
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