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मिसिर बेसरा, अनल दा दस्ते के 8 नक्सलियों ने रांची में किया सरेंडर, जानें उन उग्रवादियों के बारे में

सरेंडर करने वालों में 4 (मारतम अंगरिया, सोमवारी कुमारी, सरिता और संजू पुर्ति) महिला हैं. इनमें से मारतम अंगरिया पर सबसे ज्यादा 5 केस दर्ज हैं. सभी केस गोईलकेरा थाना में दर्ज किये गये हैं. ये सभी मुकदमे वर्ष 2020 और 2021 में दर्ज किये गये.

Jharkhand Naxal News|नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी के सदस्यों मिसिर बेसरा उर्फ सागर जी और पतिराम माझी उर्फ अनल दा के दस्ता के 8 सदस्यों ने बुधवार को राजधानी रांची में सरेंडर कर दिया. जिन नक्सलियों ने सरेंडर किया है, उनके नाम जयराम बोदरा उर्फ जूरिया बोदरा (21), सरिता उर्फ मुंगली सरदार उर्फ सरिता सरदार उर्फ सानिता (20), सोमवारी कुमारी उर्फ टोनी (21), मारतम अंगरिया (21), तुंगीर पुर्ति (18), पातर कोड़ा (18), कुसनू सिरका उर्फ कार्तिक सिरका (22), संजू पुर्ति उर्फ रोशनी पुर्ति (19) हैं.

सरेंडर करने वाले 8 नक्सलियों में 4 महिला

सरेंडर करने वालों में 3 (सोमवारी कुमारी, सरिता और संजू पुर्ति) महिला हैं. मारतम अंगरिया पर सबसे ज्यादा 5 केस दर्ज हैं. सभी केस गोईलकेरा थाना में दर्ज किये गये हैं. ये सभी मुकदमे वर्ष 2020 और 2021 में दर्ज किये गये. मिसिर बेसरा और अनल दा के अलावा जिन 6 नक्सलियों ने झारखंड पुलिस एवं सीआरपीएफ के समक्ष सरेंडर किया है, उनकी उम्र 18 से 22 साल के बीच है. सभी चार अन्य नक्सलियों का विवरण इस प्रकार है.

जयराम बोदरा पर दर्ज हैं 11 मुकदमे

जयराम बोदरा उर्फ जूरिया बोदरा (21), पिता सिंगराय बोदरा उर्फ डडांग, ग्राम- माईलपी, थाना- सोनुवा, जिला – पश्चिमी सिंहभूम पर कुल 11 केस दर्ज हैं. ये केस पश्चिमी सिंहभूम जिला के सोनुआ, चक्रधरपुर, गोईलकेरा, कराईकेला, टेबो थाने में दर्ज हैं.

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अनमोल दस्ते की सदस्य रही संजू पुर्ति

संजू पुर्ति उर्फ रोशनी पुर्ति (19), पिता का नाम सिनू पुर्ति (पति कुशनू उर्फ कार्तिक सिरका, ग्राम चिड़ियाबेड़ा, टोला चाटुदा, थाना – मुफस्सिल, जिला- पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा) चार वर्ष तक नक्सल दस्ते में सक्रिय रही और पहले सागेन अंगारिया एवं उसके बाद सुशांत उर्फ अनमोल के दस्ते में शामिल होकर उग्रवादी गतिविधियों को अंजाम दिया.

तमाड़ की है सोमवारी कुमारी

सोमवारी कुमारी उर्फ टोनी (21), पिता स्व चामा मुंडा, ग्राम- आराहंगा, थाना तमाड़, जिला-रांची के खिलाफ चाईबासा और सरायकेला-खरसावां जिला के अलग-अलग थानों में कम से कम दो केस दर्ज हैं. एक मुकदमा कुचाई थाना में दर्ज है, तो दूसरा टोकलो थाना में.

सरिता उर्फ मुंगली सरकार के खिलाफ दर्ज हैं दो मुकदमे

सरिता उर्फ मुंगली सरदार उर्फ सरिता सरदार उर्फ सानिता (20), पिता रुहीदास सरदार उर्फ आटे खैदास सरदार, ग्राम रायजमा, रायगनिया, थाना – खरसावां, जिला – सरायकेला खरसावां के विरुद्ध चाईबासा एवं सरायकेला-खरसावां जिला के अलग-अलग थानों में आधा दर्जन केस दर्ज हैं. कुचाई थाना में सरिता के खिलाफ दो केस दर्ज हैं, तो सरायकेला-खरसावां के खरसावां थाना में एक और टोकलो थाना में 3 केस दर्ज हैं.

ओड़िशा का भी एक उग्रवादी हुआ गिरफ्तार

कुसनू सिरका उर्फ कार्तिक सिरका (22), पिता स्व मंगल सिरका, ग्राम बुलानी टोला-डबलिंग-हाटिंग, थाना- बड़बिल, जिला -क्योंझर (ओड़िशा) का रहने वाला है. वह तीन वर्षों तक नक्सली दस्ते में सक्रिय रहा. सुशांत उर्फ अनमोल और सुरेश मुंडा के दस्ते के सदस्य के रूप में इसने नक्सली गतिविधियों को अंजाम दिया.

18 साल के पातर कोड़ा पर दर्ज हैं दो मुकदमे

पातर कोड़ा (18), पिता पादरी कोड़ा, ग्राम रेंगड़ाहातू, थाना टोंटो, जिला पश्चिमी सिंहभूम के खिलाफ टोंटो थाना में दो केस दर्ज हैं. एक टोंटो थाना कांड संख्या 13/21, दिनांक 10 जून 2021 को दर्ज किया गया. इस मामले में उसके खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 147, 148, 149, 353, 307, 324, 326, 34 के साथ-साथ आर्म्स एक्ट, सीएलए और यूएपीए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. दूसरा केस वर्ष 2022 के जनवरी महीने में दर्ज किया गया. 11 जनवरी 2022 को दर्ज प्राथमिकी में आईपीसी की धाराएं 147, 148, 149, 133, 353, 307 लगायी गयीं. इसके अलावा आर्म्स एक्ट और यूएपीए के तहत भी उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया.

तुंगीर पुर्ति पर टोंटो थाना में दर्ज है एक केस

तुंगीर पुर्ति (18), पिता पातर पुर्ति, ग्राम रेंगड़ाहातू, टोगा- बंगलासाई, थाना – टोंटो, जिला पश्चिमी सिंहभूम चाईबासा के खिलाफ टोंटो थाना में सिर्फ एक केस दर्ज है. भाकपा माओवादी की सदस्य मारतम अंगरिया (21) के पिता का नाम डांगुर अंगरिया है. वह पश्चिमी सिंहभूम के गोईलकेरा थाना अंतर्गत कटम्बा गांव की रहने वाली है.

नक्सलियों के सफाये का झारखंड में चल रहा है अभियान

पुलिस और सीआरपीएफ की ओर से कहा गया है कि इन नक्सलियों ने पुलिस और राज्य सरकार की अपील पर हथियार डाले हैं. सरकार झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने के लिए लगातार अभियान चला रही है. नक्सली संगठनों से जुड़े लोगों से कहा गया है कि वे सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाते हुए सरेंडर करें और देश के बेहतर नागरिक बनें. पुलिस की कार्रवाई से बचने और सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर बड़ी संख्या में नक्सली सरेंडर करने लगे हैं.

भाकपा माओवादी में आंतरिक शोषण, संगठन छोड़ रहे नक्सली

पुलिस ने यह भी कहा है कि भाकपा माओवादी सहित कई प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के कई बड़े नक्सली कमांडरों से लेकर दस्ते के सदस्य तक ने सरेंडर किया है. आने वाले दिनों में भी कई नक्सली सरेंडर करेंगे. पुलिस ने बताया है कि भाकपा माओवादी संगठन के आंतरिक शोषण, भयादोहन एवं पुलिस की दबिश की वजह से नक्सली संगठन से जुड़े लोग मुख्यधारा में शामिल हो रहे हैं.

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