रांची (वरीय संवाददाता). झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने जमशेदपुर में बहुमंजिले भवन के बेसमेंट (पार्किंग स्थल पर) में बनी दुकानों के खिलाफ जेएनएसी द्वारा कार्रवाई को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान अदालत ने माैखिक रूप से कहा कि स्वीकृत नक्शा में चिह्नित पार्किंग स्थल पर (बेसमेंट में) चल रही सभी दुकानें अवैध हैं. पार्किंग स्थल पर चल रही दुकानें जेएनएसी व बिल्डर की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है. इससे पार्किंग व ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो गयी है. इसे हटाना जरूरी है. अदालत ने प्रतिवादी जेएनएसी का पक्ष सुनने के बाद बिल्डर तापस सरकार को निर्देश दिया कि वह अपनी संपत्ति का ब्याेरा शपथ पत्र के माध्यम से अगली सुनवाई के पूर्व दायर करें. एसडीओ जमशेदपुर को निर्देश दिया कि बेसमेंट में चल रही कितनी अवैध दुकानों को तोड़ा गया है तथा कितनी दुकानें तोड़ने के लिए बची हुई है. वहीं जेएनएसी को शपथ पत्र दायर कर यह बताने का निर्देश दिया कि इस मामले में आपने क्या कार्रवाई की है और बेसमेंट में चल रही कितनी दुकानों को पूरी तरह से हटाया गया है. मामले की अगली सुनवाई 16 मई को होगी. इससे पूर्व जमशेदपुर नोटिफाइड एरिया कमेटी (जेएनएसी) की ओर से अदालत को बताया गया कि आदेश का अनुपालन कर दिया गया है. बहुमंजिला परिसर के पार्किंग स्थल पर बनायी गयी आठ दुकानों को अदालत के आदेश पर तोड़ दिया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अशोक कुमार व अन्य की ओर से याचिका दायर की गयी है. नाै मई को सुनवाई के दाैरान अदालत ने दुकानों को तोड़ने का आदेश दिया था. यह भी कहा था कि पार्किंग के लिए चिह्नित स्थल को पार्किंग के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. पार्किंग क्षेत्र में कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है, यहां तक कि दुकान आदि भी नहीं बनायी जा सकती है.
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