Jharkhand news: भारत के चुनाव आयोग ने देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री को पद से हटाने का आदेश दिया है. आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर 15 दिनों के अंदर आरोप पत्र गठित करते हुए डीसी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि आयोग की सहमति के बिना श्री भजयंत्री को भविष्य में चुनाव से संबंधित किसी तरह के कार्य में नहीं लगाया जायेगा. चुनाव आयोग ने मंजूनाथ भजंत्री को गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दूबे पर एक ही दिन में पांच थानों में FIR दर्ज कराने के मामले में दोषी माना है.
पूर्व में आयोग ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए श्री भजयंत्री से पूछा था कि आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले में गोड्डा सांसद पर 6 महीने की देरी से क्यों FIR दर्ज कराया गया. प्रखंड विकास पदाधिकारी को किस आधार पर केस दर्ज कराने का निर्देश दिया गया था.
चुनाव आयोग ने यह भी पूछा था कि जिन क्षेत्रों में आचार संहिता लागू नहीं थी, उस क्षेत्र के थानों में किस परिस्थिति में मामला दर्ज कराया गया. FIR दर्ज कराने की सूचना आयोग को क्यों नहीं दी गयी. श्री भजयंत्री द्वारा भेजे गये जवाब को असंतोषजनक मानते हुए उन पर कार्रवाई का आदेश दिया गया है.
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देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर लिखने के लिए गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दूबे पर 26 अक्तूबर को देवघर जिले के 5 अलग-अलग थानों में एफआइआर किया गया था. मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के दाैरान सांसद ने डीसी की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किये थे.
उन पोस्ट काे आधार बनाते हुए देवघर के नगर थाना, देवीपुर थाना, बुढैई थाना, मधुपुर थाना और चितरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. सांसद श्री दूबे ने प्राथमिकियों को गलत बताते हुए डीसी की कार्यशैली पर सवाल उठाया था. उन्होंने चुनाव आयोग को घटना की जानकारी देकर कार्रवाई की मांग की थी.
Posted By: Samir Ranjan.