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Municipal Election News : चुनाव आयोग ने मतदाता सूची देने के लिए रखी शर्तें, मांगा शपथ पत्र

शहरी स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची देने के लिए चुनाव आयोग ने शर्तें निर्धारित की हैं. साथ ही इन शर्तों को पूरा करने संबंधी शपथ पत्र भी मांगा है. राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव आयोग से जनवरी 2024 से मतदाता सूची मांगना शुरू किया.

शकील अख्तर (रांची). शहरी स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारी के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची देने के लिए चुनाव आयोग ने शर्तें निर्धारित की हैं. साथ ही इन शर्तों को पूरा करने संबंधी शपथ पत्र भी मांगा है. राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव आयोग से जनवरी 2024 से मतदाता सूची मांगना शुरू किया. हालांकि, एक साल तक चले पत्राचार और चुनाव आयोग की शर्तों को स्वीकार करने के बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग को मतदाता सूची नहीं मिली है.

वर्ष 2023 में हाइकोर्ट में दायर की गयी थीं दो याचिकाएं

राज्य में शहरी स्थानीय चुनाव की मांग को लेकर वर्ष 2023 में हाइकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की गयी थीं. रानी कुमारी ने याचिका संख्या 1923/2023 और रोशनी खलखो ने याचिका संख्या 2290/2023 दायर की थी. न्यायमूर्ति आनंदा सेन की अदालत ने इन याचिकाओं पर सुनवाई के बाद चार जनवरी 2024 को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था. साथ ही यह भी कहा था कि म्यूनिसिपल एक्ट-2011 की धारा-16(8) में चुनाव नहीं होने की अवधि में शहरी निकायों में प्रशासक की नियुक्ति की व्यवस्था अस्थायी है. न्यायालय द्वारा दिये गये इस आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने 18 जनवरी 2024 को चुनाव आयोग को पत्र लिख कर मतदाता सूची से संबंधित आंकड़ों की मांग की. कानूनी प्रावधान के तहत राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव आयोग से विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रवार मतदाता सूची लेकर उसे शहरी स्थानीय निकायों के वार्डों के अनुसार तैयार करना पड़ता है. इस कानूनी प्रावधान के तहत चुनाव आयोग से मतदाता सूची मिले बिना राज्य निर्वाचन आयोग शहरी स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार नहीं कर सकता है.

राज्य निर्वाचन आयोग व चुनाव आयोग के बीच एक साल से हो रहा पत्राचार

1. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जनवरी 2024 भेजे गये पत्र के जवाब में चुनाव आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग के यह वचन देने (अंडरटेकिंग) देने को कहा कि आयोग से मिले फोटो युक्त मतदाता सूची के डाटाबेस को राज्य निर्वाचन आयोग किसी एजेंसी या संस्था को नहीं देगा. चुनाव आयोग के निर्देश के आलोक में राज्य निर्वाचन आयोग ने इस शर्त को स्वीकार करते हुए जवाब पत्र जनवरी के अंतिम सप्ताह में भेजा.

2. चुनाव के सिलसिले में न्यायिक आदेश के मद्देनजर राज्य निर्वाचन आयोग ने फरवरी 2024 में पत्र लिख कर फिर से मतदाता सूची का डाटाबेस मांगा. लेकिन, चुनाव आयोग ने राज्य निर्वाचन आयोग के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए उसे मतदाता सूची का पीडीएफ लेने को कहा.

3. राज्य निर्वाचन आयोग ने अगस्त 2024 में चुनाव आयोग को पत्र लिख कर मतदाता सूची का डाटाबेस उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. इसके बाद चुनाव आयोग ने मतदाता सूची डाटाबेस उपलब्ध कराने के लिए तीन-चार पन्नों में लिखी शर्तों की एक सूची भेजी और इन शर्तों पर अंडरटेकिंग देने को कहा. इसमें स्पेसिफिक यूज, गोपनीयता, दायित्व, कानूनी ढांचे के अनुपालन, डाटा प्रोटेक्शन, सिक्योरिटी ऑडिट सहित अन्य मुद्दे जोड़े गये थे. राज्य निर्वाचन आयोग ने सितंबर 2024 में इन शर्तों पर भी अंडरटेकिंग दिया. लेकिन, चुनाव आयोग की तरफ से मतदाता सूची का डाटाबेस नहीं मिला.

4. राज्य निर्वाचन आयोग ने अक्तूबर और नवंबर में चुनाव आयोग को पत्र लिख कर अपनी मांग दोहरायी. हालांकि, दिसंबर 2024 में चुनाव आयोग ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग इस बात का अंडरटेकिंग दे कि वह स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए मतदाता सूची तैयार करने के बाद चुनाव आयोग से मिले डाटाबेस को नष्ट कर देगा. इसके अलावा राज्य निर्वाचन आयोग इसका लिखित प्रमाण पत्र भी दे कि वह डाटाबेस नष्ट कर देगा. चुनाव आयोग ने दिसंबर में नये सिरे से सुरक्षा ऑडिट और निर्वाचन आयोग के कंप्यूटर सिस्टम के सुरक्षा मानकों के अनुरूप होने का प्रमाण मांगा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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