रांची. झामुमो ने कहा है कि चुनाव आयोग को अपनी साख बचाने के लिए चार जून का सही समय है. उम्मीद है कि वह अपने गठन के उद्देश्यों के तहत काम करते हुए पूरी दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करने का काम करेगा. क्योंकि आज हर शहरी एवं ग्रामीण मतदाता आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा कर रहा है. यह बात पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कही. उन्होंने कहा देश में आजादी के बाद पहली बार इतना लंबा चुनावी अभियान चला. कहा कि चुनाव आयोग ने पार्टी विशेष के पक्ष में चुनाव कार्यक्रम और तिथियां तय की. वहीं प्रचार के दौरान वक्तव्य की जो शालीनता होनी चाहिए, उसका मान मर्दन किया गया. उस पर आयोग आंखें मुदे रहा और कान बंद रखे.
पोस्टल बैलेट की गणना पहले राउंड में हो
श्री भट्टाचार्य ने चुनाव आयोग से मांग की है कि पोस्टल बैलेट से इस बार कई सेक्टर, वर्ग को जोड़ा गया. हमारी मांग है कि उन मतों का मिलान और गिनती पारदर्शी तरीके से सबसे पहले राउंड में होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन से मतदान के आंकड़े, जो एक जून को वोट हुआ, उसका एग्जेक्ट प्रतिशत और आंकड़ा अब तक नहीं आया है. जबकि चार जून को मतगणना है. इसलिए फार्म 17 सी जो वोट कॉस्टेड इन ऑल इवीएम की उपलब्धता हर काउंटिंग एजेंट के सामने में हो. चुनाव आयोग इसे हर हाल में सुनिश्चित करे.
पावर कट होने परे बैलेट यूनिट री-स्टार्ट करने में मैनीपुलेट की आशंका प्रबल
किसी भी तरह का पावर कट न हो. पहले से ही डीजल जनरेटर चला कर, उसका पावर बैकअप 24 घंटे रहना चाहिए. पहले से ही. क्योंकि यदि पावर कट होगा, जो बैलेट यूनिट है, उसको री-स्टार्ट करने में कहीं न कहीं मैनीपुलेट हो सकता है. उन्होंने चुनाव आयोग से मांग है कि अंतिम नतीजा घोषित करने के पहले यह जरूर सुनिश्चित करवा लें कि जो उम्मीदवार है, वह पूरी तरह से मतगणना से संतुष्ट हो जाये, अगर कोई भी आशंका रही, तो वीवीपैड का भी मिलान जरूर करें.
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