भाजपा विधायकों को मुक्त कराये निर्वाचन आयोग : झामुमो
भाजपा विधायकों को मुक्त कराये निर्वाचन आयोग : झामुमो
रांची : झामुमो ने भाजपा विधायकों को सामूहिक कोरेंटिंन या लॉकडाउन कर रखने के फैसले की निंदा की है. साथ ही भारत निर्वाचन आयोग से मांग की है कि वह जबरन लॉकडाउन या कोरेंटिंन किये गये भाजपा विधायकों को (जो राज्यसभा निर्वाचन मंडल के सदस्य हैं) मुक्त कराया जाये, ताकि वे अपनी अंतरात्मा से किसी के दबाव या आर्थिक प्रलोभन से ऊपर उठ कर स्वेच्छा से मतदान कर सकें.
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा की घबराहट बढ़ गयी है, क्योंकि उन्हें मालूम है उनके अंदर नेतृत्व का संकट है. विधायक अपने ही मेयर से तू-तू, मैं-मैं करते हैं. सांसद और विधायकों में तकरार आम बात है. भाजपा से बाहर के व्यक्ति को जबरन विधायक दल का नेता बनाने की कोशिश भाजपा विधायकों को विचलित कर रही है. भाजपा के अधिकांश विधायक व्यक्तिगत रूप से नेतृत्व के खिलाफ जाकर यूपीए के प्रत्याशी शिबू सोरेन के साथ-साथ कांग्रेस प्रत्याशी की जीत को सुनिश्चित कर अपने केंद्रीय नेतृत्व को यह संदेश देना चाहते हैं कि प्रदेश में उत्पन्न आपसी मतभेद को पाट कर जबरन घुसे व्यक्ति को विधायक दल के नेता के पद से बर्खास्त करें.
श्री भट्टाचार्य ने कहा भाजपा विधायकों को सरला बिड़ला विश्वविद्यालय में कोरेंटिंन या लॉकडाउन कर रखने का जो निर्णय लिया गया है, वह साफ दर्शाता है कि भाजपा शिक्षण संस्थानों को राजनीति का अड्डा बनाने पर तुली है. सरला बिड़ला विश्वविद्यालय के माध्यम से कौशल विकास को जो चपत लगा कर करोड़ों रुपये का दुरुपयोग कर भाजपा के लिए शरण स्थली का निर्माण कराया गया.
भाजपा को बताना चाहिए कि उनके दो राष्ट्रीय नेता ओम माथुर व अरुण सिंह चार्टर विमान से दिल्ली से रांची किस परिस्थिति में आये? क्या उस चार्टर्ड विमान में विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए काला धन भी साथ लेकर आये हैं? उन्होंने कहा कि एनडीए की बैठक बुलाना हास्यास्पद है, क्योंकि आजसू पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा था. बाबूलाल मरांडी भी भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ कर विधानसभा पहुंचे हैं. निर्दलीय विधायक सरयू राय भी भाजपा के तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को हरा कर विधानसभा पहुंचे हैं.
Posted by : Pritish Sahay