Loading election data...

court news : पूर्व उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के मामले में निर्वाचन आयोग की अपील स्वीकृत

हाइकोर्ट की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को किया निरस्त, अब सुनवाई कैट में हो सकेगी

By Prabhat Khabar News Desk | September 24, 2024 12:12 AM

वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने देवघर के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के मामले में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से दायर अपील याचिका को स्वीकार कर लिया है. साथ ही एकल पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया. पूर्व में एकल पीठ ने मंजूनाथ की याचिका पर मामले को डब्ल्यूपीसी के रूप में सुनवाई योग्य मानते हुए सुनवाई के लिए सक्षम बेंच में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. एकल पीठ के आदेश को निर्वाचन आयोग ने अपील याचिका दायर कर चुनौती दी थी. अपील की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी भारत निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने पैरवी की थी. उन्होंने खंडपीठ को बताया था कि इस मामले की सुनवाई सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) में होनी चाहिए, लेकिन एकल पीठ ने इस मामले को डब्ल्यूपीसी के रूप में सुनवाई योग्य मानते हुए सुनवाई के लिए सक्षम बेंच में ट्रांसफर कर दिया है, जो सही नहीं है. उन्होंने एकल पीठ के आदेश को निरस्त करने का आग्रह किया था. क्या है मामला : निर्वाचन आयोग ने छह दिसंबर 2021 को राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिख कर देवघर के उपायुक्त पद से मंजूनाथ को हटाने तथा उन्हें चुनावी कार्य में नहीं लगाने का आदेश दिया था. मुख्य सचिव को मंजूनाथ के खिलाफ आरोप पत्र गठित कर विभागीय कार्यवाही करने का भी निर्देश दिया गया था. गोड्डा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे पर एक दिन में पांच थाना में केस दर्ज करने के मामले में शिकायत को आयोग ने सही पाया था. संसद के खिलाफ छह माह के बाद आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज करने पर उपायुक्त से जवाब मांगा गया था. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव को मंजूनाथ के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version