रांची : झारखंड और बिहार के राज्यसभा की सात सीटों में चुनाव होना है. झारखंड की दो और बिहार की पांच सीटों में चुनाव होगा. इस चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है. झारखंड के राज्यसभा चुनाव की बात करें तो अब तक की स्थिति के अनुसार G-5 इसमें अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं. दो निर्दलीय विधायक और तीन विधायक अलग-अलग पार्टी से हैं जिनकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है. इस G-5 में से एक विधायक सरकार में रहते हुए भी काफी मुखर माने जाते रहे हैं.
अधिसूचना के मुताबिक 31 मई तक उम्मीदवार नामांकन कर सकेंगे. राज्यसभा सदस्य चुनने के लिए विधायक 10 जून को वोट देंगे. एक जून को नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी और तीन जून को नाम वापसी होगी. 10 जून को सुबह नौ से चार बजे तक मतदान होगा. इसी दिन शाम पांच बजे से मतों की गिनती की जायेगी. चुनाव की प्रक्रिया 13 जून के पहले समाप्त होगी. झारखंड की जिन दो सीटों के लिए चुनाव होना है, उन पर भाजपा का कब्जा है. वर्तमान में झारखंड की राज्यसभा सीट से सांसद महेश पोद्दार और मुख्तार अब्बास नकवी सांसद है. इनका कार्यकाल सात जुलाई को खत्म हो रहा है.
राज्यसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां जोड़-घटाव में जुट गयी है. 81 विधानसभा सीटों वाली झारखंड विधानसभा में सत्ता पक्ष के पास पहले 49 विधायक थे. लेकिन, कांग्रेस के बंधु तिर्की की विधायकी खत्म होने के अब सत्ता पक्ष के पास 48 विधायक हैं. वहीं, बाबूलाल मरांडी को मिलाकर भाजपा के 26 विधायक हैं. इसके अलावा आजसू के दो विधायक हैं.
राज्यसभा चुनाव में इस बार G-5 अहम बन सकते हैं. निर्दलीय विधायक सरयू राय और आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने झारखंड लोकतांत्रिक मोर्चा बनाकर इस चुनाव में अहम रोल निभा सकते हैं. इस मोर्चे में सरयू राय और सुदेश महतो के अलावा आजसू के लंबोदर महतो, निर्दलीय अमित यादव और एनसीपी के कमलेश सिंह को मिलाकर कुल पांच विधायक इस मोर्चे में हैं.
पार्टी : विधायकों की संख्या
झामुमो : 30
कांग्रेस : 17
राजद : 01
भाजपा : 26
आजसू : 02
एनसीपी : 01
निर्दलीय : 02
माले : 01
राज्यसभा चुनाव के लिए पहले वरीयता का 28 वोट प्रत्याशी को हासिल करना है. ऐसे में सत्ता पक्ष एक सीट आसानी से हासिल कर सकेंगे. क्योंकि इनके पास झामुमो, कांग्रेस और राजद के कुल 30 विधायक हैं. दूसरी ओर पहले वरीयता के लिए भाजपा को दो वोट की जरूरत होगी क्योंकि भाजपा के पास वर्तमान में 26 विधायक हैं.