करंट से मौत पर होने पर झारखंड सरकार देगी मुआवजा, पहले मिलता था 2 लाख
झारखंड में करंट से मौत होने पर 5 लाख रुपये मुआवजा राशि मिलेगी. पहले 2 लाख रुपये मिलता था. पहले से ही इसे बढ़ाने की मांग होती रही है. राज्य में करंट लगने के कारण कई लोगों की मौत हो जाती है.
रांची : राज्य सरकार झारखंड में करंट से मौत होने पर मुआवजा राशि पांच लाख रुपये करने पर विचार कर रही है. फिलहाल दो लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है. इस मुद्दे पर झारखंड ऊर्जा विकास निगम के निदेशक मंडल की मंगलवार को बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता सीएमडी अविनाश कुमार ने की. इससे पूर्व झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग भी पांच लाख मुआवजा देने का निर्देश दे चुका है.
मौके पर अन्य राज्यों में भी मौजूद प्रावधान का अध्ययन कराने पर जोर दिया गया. उसके बाद ही निदेशक मंडल अंतिम रूप से फैसला लेगा. बैठक में मुआवजा समेत कई एजेंडों पर चर्चा की गयी. ज्ञात हो कि राज्य में कई बार बिजली का तार गिरने से करंट लगने के कारण कई लोगों की मौत हो जाती है.
इस हादसे पर मुआवजा का प्रावधान है, लेकिन हमेशा से इसे बढ़ाने की मांग होती रही है. इसकी मांग खासकर उन बिजली कर्मियों के परिजनों द्वारा की जाती रही है, जिनकी मौत करंट लगने से हो गयी है.
बिजली बिल के विवादों में सुधार इइ और सीइ करेंगे : निदेशक मंडल की बैठक में बिजली बिल में विवाद होने पर इसमें सुधार के लिए कार्यपालक अभियंता से लेकर मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारी अधिकृत किये गये. ये अधिकारी कमेटी बनाकर विवादों का समाधान करेंगे.
दो नये निदेशक बने :
झारखंड ऊर्जा विकास निगम में नये निदेशक मंडल का गठन किया गया. इसमें दो नये निदेशक बनाये गये हैं. इनमें वित्त विभाग की विशेष सचिव दीप्ती जयराज व ऊर्जा विभाग की संयुक्त सचिव संगीता तिर्की नन फंक्शनल डायरेक्टर बनायी गयी हैं.
वित्त सचिव अजय कुमार सिंह अब झारखंड ऊर्जा विकास निगम के डायरेक्टर नहीं रहेंगे. उनकी जगह ही दीप्ती जयराज को निदेशक मंडल में लिया गया है. निदेशक मंडल की बैठक में झारखंड ऊर्जा विकास विकास निगम के ऑडिटेड एकाउंट को मंजूरी दी गयी. बैठक में संचरण निगम के एमडी के केके वर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.
Posted By: Sameer Oraon