रांची. चालू वित्तीय वर्ष में एचइसी में कामकाज लगभग पूरी तरह से ठप पड़ा है. वर्तमान में एचइसी सिर्फ कागज पर चल रहा है. यह कहना है एचइसी मुख्यालय में कार्यरत अधिकारियों व कर्मियों का. एक अधिकारी ने बताया कि भेल से आये निदेशक लगभग एक वर्ष से सिर्फ मुख्यालय में बैठक ही कर रहे हैं. वहीं प्लांटों के कई शॉप में बिजली, पानी नहीं है. शौचालय में पानी की व्यवस्था बंद पड़ी हुई है. एचइसी कर्मी ने बताया कि कार्यशील पूंजी के अभाव में स्थायी कर्मियों का आंदोलन समाप्त होने के बाद भी प्लांटों में कोई कार्य नहीं हो रहा है. मशीनें बंद पड़ी हुई हैं. एफएफपी के 05 सहित अन्य शॉप में ट्रांसफॉर्मर खराब होने के कारण बिजली नहीं है. अधिकारी व कर्मचारी अंधेरे में बैठे रहते हैं. वहीं बिजली नहीं रहने और पाइपलाइन में खराबी के कारण जलापूर्ति व्यवस्था ठप है. प्लांटों में प्रवेश करने से कर्मियों में डर बना रहता है. साफ-सफाई नहीं होने, शॉप के अंदर जाने के रास्ते में झाड़ियों के कारण सांप, बिच्छू का डर कर्मियों को सताता रहता है. अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में स्थायी कर्मी प्रतिदिन अपने कार्यस्थल पर जाते हैं और उपस्थिति दर्ज कर समय व्यतीत कर घर लौट जाते हैं. एचइसी के निदेशकों को भेल से हर माह वेतन व अन्य भत्ता मिल रहा है जबकि कर्मियों का 27 माह का वेतन बकाया हो गया है.
दीपावली में भी वेतन मिलना मुश्किल
आर्थिक तंगी से गुजर रहे एचइसी के अधिकारियों व कर्मियों का वेतन 27 माह से बकाया है. कर्मियों को आस थी कि प्रबंधन दीपावली से पूर्व एक-दो माह का वेतन भुगतान करेगा. वहीं, एचइसी मुख्यालय में वित्त विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रबंधन के पास वर्तमान में वेतन भुगतान की राशि नहीं है. इस कारण दूर-दूर तक वेतन भुगतान की उम्मीद नहीं है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है