रांची: राज्य के सरकारी स्कूलों का बिजली बिल कॉमर्शियल (व्यावसायिक) दर से जोड़ा जा रहा है. इस कारण कई जिलों में स्कूलों का बिजली बिल 10 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. बिजली बिल भुगतान को लेकर कुछ जिलों द्वारा झारखंड शिक्षा परियोजना को पत्र लिख कर मार्गदर्शन मांगा गया है. सरायकेला-खरसावां जिला द्वारा शिक्षा परियोजना को भेजे गये ऐसे ही एक पत्र में बताया गया है कि विद्युत प्रमंडल सरायकेला द्वारा जिला के 501 विद्यालयों के लिए 17.11 करोड़ रुपये का बिजली बिल दिया गया है. स्कूलों का बिल कॉमर्शियल दर से जोड़ा गया है.
इधर, इस मामले को लेकर 24 मई को ऊर्जा विभाग व स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अधिकारियों की बैठक होगी. बैठक में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव, झारखंड शिक्षा परियोजना की निदेशक किरण कुमारी पासी समेत अन्य अधिकारी शामिल होंगे. बैठक के दौरान जिन स्कूलों में कनेक्शन नहीं है, वहां कनेक्शन देने पर भी चर्चा की जायेगी. साथ ही बैठक में स्कूलों के बकाया बिल के भुगतान पर भी विचार होगा.
स्कूलों बकाया बिजली बिल भुगतान को लेकर शिक्षा मंत्री ने सुझाव दिया है. जेबीवीएनएल द्वारा बिजली बिल भुगतान के लिए राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों का जिलावार बिलिंग कराने को कहा जायेगा. जिला भर के विद्यालय का बिल एक साथ भुगतान करने पर भी बैठक में विचार किया जायेगा.
राज्य के कुल 2668 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है. इनमें सबसे अधिक 507 विद्यालय दुमका में हैं. जबकि, साहिबगंज में 233, पश्चिमी सिंहभूम में 231, चतरा में 207, सिमडेगा में 172, गोड्डा में 167, पलामू में 154, गुमला में 139 व खूंटी में 101 विद्यालय हैं. जानकारी के अनुसार, राज्य के 35442 सरकारी स्कूलों में से 2668 स्कूलों में फिलहाल बिजली का कनेक्शन नहीं हैं. इन स्कूलों में बिजली की सुविधा देने की तैयारी है.
Posted By: Sameer Oraon