JBVNL ने 60 करोड़ चुकाये फिर भी 28 करोड़ बाकी, बिजली कटौती जारी
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) पर पीक आवर में अतिरिक्त बिजली खरीदने को लेकर लगी रोक अब भी जारी है. हालांकि, जेबीवीएनएल ने बकाया कुल 88 करोड़ रुपये में से 60 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है
रांची: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) पर पीक आवर में अतिरिक्त बिजली खरीदने को लेकर लगी रोक अब भी जारी है. हालांकि, जेबीवीएनएल ने बकाया कुल 88 करोड़ रुपये में से 60 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है. यानी 28 करोड़ अब भी बकाया हैं. इस कारण पीक आवर में अतिरिक्त बिजली खरीद पर रोक जारी है. नतीजतन रोजाना पीक आवर (शाम 5:00 बजे से रात 10:00 बजे तक) राज्य के सभी हिस्सों में लोडशेडिंग की जा रही है.
गौरतलब है कि करेंट बिल के भुगतान में 45 दिनों की देरी होने पर केंद्र सरकार इलेक्ट्रिसिटी (लेट पेमेंट सरचार्ज एंड रिलेटेड मैटर्स) रूल्स-2022 के तहत अतिरिक्त बिजली खरीद पर रोक लगा देती है. यह रूल्स जून 2022 से लागू है. इसकी अद्यतन स्थिति केंद्र सरकार के प्राप्ति पोर्टल पर दी जाती है. इधर, विभागीय स्तर पर बताया गया कि नवंबर में सेंट्रल पूल के 28 करोड़ रुपये बकाये का भुगतान कर दिया जायेगा.
अक्तूबर में 52 करोड़ कम राजस्व मिला :
त्योहारी माह में जेबीवीएनएल का राजस्व भी घटा है. अमूमन 350 करोड़ रुपये से अधिक की राजस्व वसूली होती है. लेकिन, अक्तूबर में केवल 305 करोड़ रुपये की राजस्व वसूली हो सकी. इसके पूर्व सितंबर माह में 357 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी. यानी अक्तूबर माह में 52 करोड़ रुपये कम हुए हैं, जबकि बिजली की खपत लगातार हुई है. बताया जा रहा है कि छुट्टियों की वजह से बिल की वसूली नहीं हो सकी है. नवंबर माह में ज्यादा वसूली होने का अनुमान है.
लगभग 300 मेगावाट की हो रही कमी
अतिरिक्त बिजली लेने पर लगी रोक के कारण राज्य में प्रतिदिन पीक आवर में लगभग 300 मेगावाट बिजली की कमी हो जाती है. 180 मेगावाट आधुनिक पावर से मिलती थी, लेकिन बकाया की वजह से इस पर भी रोक है. वहीं, डीवीसी द्वारा 10% बिजली की कटौती की जा रही है, जो 50 से 60 मेगावाट के करीब है. वहीं, पावर एक्सचेंज से 50 से 100 मेगावाट अतिरिक्त बिजली पीक आवर में खरीदी जाती है. इस पर भी रोक हुई है. यह सिलसिला 15 अक्तूबर से चल रहा है.