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10 केवी के उपर डीजल जेनरेटर उपयोग किया तो लगेगा इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी चार्ज, नहीं देने पर लगेगा अर्थदंड

अगर अब आपने 10 केवी के उपर डीजल जेनरेटर उपयोग किया तो इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी चार्ज देना होगा. जमा नहीं करने पर अर्थदंड के साथ एकतरफा शुल्क तय किया जा सकता है. जुलाई 2021 में भी भुगतान करने का निर्देश दिया गया था, हुआ था विरोध

रांची : 10 केवी से ऊपर के डीजल जेनरेटर (डीजी सेट) का उपयोग करनेवाले प्रतिष्ठानों को इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी (विद्युत शुल्क) देना होगा. ऐसे प्रतिष्ठान, जिन्होंने इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी चार्ज जमा नहीं किया है, उन्हें तुरंत जमा करना होगा. 30 सितंबर तक उन्हें विद्युत शुल्क जमा करने का अल्टीमेटम दिया गया है. जमा नहीं करने पर अर्थदंड के साथ एकतरफा शुल्क तय किया जा सकता है.

यह आदेश राज्य कर उपायुक्त दक्षिणी अंचल, रांची ने 16 सितंबर को जारी किया है. उन्होंने लिखा है कि अगर आपके प्रतिष्ठान/संस्थान में 10 केवीए से ऊपर के डीजी सेट का उपयोग किया जाता है, तो विद्युत शुल्क अधिनियम 2011 की धारा 04 के अंतर्गत विद्युत शुल्क की देयता बनती है. अत: 30 सितंबर 2021 तक अंगीकृत बिहार विद्युत शुल्क अधिनियम के अंतर्गत निबंधन प्राप्त कर विद्युत शुल्क का भुगतान ब्याज सहित करना सुनिश्चित करें.

अन्यथा अंगीकृत बिहार विद्युत शुल्क अधिनियम की धारा 5(ए)1 एवं धारा 5(ए)2 के अंतर्गत अर्थदंड की कार्रवाई की जायेगी और राजस्व हित में एकतरफा शुल्क निर्धारण किया जा सकता है. ज्ञात हो कि झारखंड इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी (अमेंडमेंट) एक्ट 2011 के तहत बिजली के सामान्य उपभोक्ता से भी विद्युत शुल्क लेने का प्रावधान है. जो उपभोक्ता एचटी, खनन व वाणिज्य एचटी हैं, जिनका लोड 10 एमवीए तक है, उन्हें आठ प्रतिशत और जिनका लोड 10 एमवीए से अधिक है, उन्हें 15 प्रतिशत इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी चार्ज देना होगा. सिंचाई व कृषि को इस कर से मुक्त रखा गया है.

इसके पूर्व भी जारी कर चुके हैं नोटिस, हुआ था विरोध :

राज्य कर उपायुक्त, पश्चिमी अंचल, रांची द्वारा इसके पूर्व जुलाई 2021 में भी नोटिस जारी कर भुगतान करने का निर्देश दिया गया था. उस समय भी 10 केवीए से अधिक क्षमता का जेनरेटर लगाने और जेनरेटर सेट से उत्पादित बिजली की खपत पर विद्युत शुल्क जमा कराने को कहा गया था. तब राज्यसभा के पूर्व सांसद अजय मारू ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, जिसमें 10 केवीए से ज्यादा क्षमतावाले जेनरेटर सेट पर बिजली की खपत पर विद्युत शुल्क लेने के आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की थी.

उन्होंने लिखा था कि जहां बिजली की इतनी लचर व्यवस्था हो, वहां इस तरह का शुल्क लगाना अनुचित है. कोरोना संकट में इस तरह का व्यवहार न्याय संगत नहीं है, लिहाजा इसे शीघ्र हटाया जाना चाहिए. इसके बाद कई कारोबारियों ने भी इस पर अपना विरोध जताया था. तब मामला ठंडा हो गया था. अब फिर नोटिस जारी कर विद्युत शुल्क भुगतान करने का निर्देश दिया गया है.

Posted By : Sameer Oraon

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