झारखंड में बिजली की आधारभूत संरचना का होगा विस्तार, इतने रुपये होंगे खर्च

लंबे फीडर होने के कारण उपभोक्ताओं के घरों तक बिजली पहुंचने में वोल्टेज कम हो जाता है. वहीं निगम को भी लाइन लॉस का सामना करना पड़ता है. आरडीएसएस स्कीम में लाइन लॉस कम किया जाना है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 15, 2023 7:29 AM

झारखंड में बिजली नेटवर्क का विस्तार किया जायेगा. इस पर रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत 3132 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके लिए अलग-अलग एरिया बोर्ड द्वारा निविदा जारी कर दी गयी है. बिजली नेटवर्क का विस्तार सात एरिया बोर्ड के तहत आने वाले सभी 24 जिलों में किये जायेंगे. गौरतलब है कि भारत सरकार आरडीएसएस के तहत झारखंड बिजली वितरण निगम के लिए 4200 करोड़ रुपये की योजना की स्वीकृति दी है. इस योजना से निगम को घाटा कम करने में सहायता मिलेगी, वहीं ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों में बिजली का बेहतर नेटवर्क स्थापित किया जा सकेगा.

13.41 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे

बताया गया कि योजना के तहत 24 जिलों में 13 लाख 41 हजार 306 स्मार्ट प्रीपेड मीटर भी लगाये जायेंगे. अलग-अलग जिलों के लिए अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए 72 नये कृषि फीडर बनाये जायेंगे. वहीं शहरी क्षेत्र के 11 केवी लाइन के तार को बदल कर कवर्ड किया जाना है. 25516 सर्किट किमी कवर्ड वायर लगाये जायेंगे. जिससे दुर्घटना की आशंका कम रहेगी.

लो वोल्टेज की समस्या दूर होगी

निगम के अधिकारियों ने बताया कि अक्सर लंबे फीडर होने के कारण उपभोक्ताओं के घरों तक बिजली पहुंचने में वोल्टेज कम हो जाता है. वहीं निगम को भी लाइन लॉस का सामना करना पड़ता है. आरडीएसएस स्कीम में लाइन लॉस कम किया जाना है. इसके लिए लंबे फीडर को छोटे किये जायेंगे. फीडरों को नजदीक के सब स्टेशन से जोड़ कर छोटा किया जायेगा.

2200 सर्किट किमी फीडर के लिए तार लगाये जायेंगे. वहीं एक ही ट्रांसफॉर्मर पर अधिक लोड है तो लोड कम करने के लिए ट्रांसफॉर्मर लगाये जायेंगे. इसके लिए 5395 ट्रांसफॉर्मर लगाये जायेंगे. इसके अलावा फीडर व ट्रांसफॉर्मर में मीटर लगाये जायेंगे. हाइ वोल्टेड डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत तार बदल कर वोल्टेज सही किये जायेंगे. कैपिसीटर, वीसीबी, एबी स्वीच जैसे उपकरणों की कमी दूर की जायेगी.

कहां कितना खर्च

जिला राशि

गिरिडीह, गोड्डा, देवघर 414.77 करोड़ रुपये

दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज, पाकुड़ 177.21 करोड़ रुपये

पलामू, लातेहार, गढ़वा 417.79 करोड़ रुपये

पू व प. सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां 494.98 करोड़ रुपये

धनबाद व बोकारो 415.48 करोड़ रुपये

हजारीबाग, कोडरमा, रामगढ़, चतरा 435.92 करोड़ रुपये

रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा 776.22 करोड़ रुपये

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