Jharkhand News: इतने यूनिट से ज्यादा बिजली खपत की तो नहीं मिलेगी सब्सिडी, 12 हजार उपभोक्ताओं का कटा नाम

झारखंड के 12 हजार उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा. क्यों कि सरकार ने 400 यूनिट अधिक खपत करने वालों की सब्सिडी बंद कर दी है. इस माह के अंत तक कई और उपभोक्ता बाहर हो जाएंगे

By Prabhat Khabar News Desk | April 14, 2022 9:43 AM

रांची: झारखंड में बिजली के 12 हजार उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्हें इस बार सब्सिडी का लाभ नहीं मिला. राज्य सरकार ने 400 यूनिट से अधिक बिजली खपत करनेवाले लोगों की सब्सिडी बंद कर दी है. अप्रैल में जिन लोगों ने 400 यूनिट से अधिक बिजली की खपत की है, उन्हें अब 6.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल भेजा जा रहा है. वहीं जिन उपभोक्ता ने 399 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल किया है, उन्हें 4.20 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल भेजा जा रहा है.

क्या है मामला :

झारखंड में 400 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने पर उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी समाप्त कर दी गयी है. इसे एक अप्रैल 2022 से प्रभावी किया गया है. 401 यूनिट या इससे अधिक बिजली की खपत होती है, तो उपभोक्ताओं को 6.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा.

वहीं 400 यूनिट तक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 3.50 से लेकर 4.20 रुपये प्रति यूनिट की दर से ही भुगतान करना होगा. इस बाबत पूर्व में जेबीवीएनएल जीएम ने सभी अधीक्षण अभियंता को पत्र भेज कर सूचित कर दिया था कि एक अप्रैल से हर हाल में इसे सुनिश्चित करना है.

झारखंड में 42 लाख घरेलू उपभोक्ता

झारखंड बिजली वितरण निगम के पास इस समय कुल 50 लाख उपभोक्ता हैं. इनमें 42 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं. शेष आठ लाख कॉमर्शियल, औद्योगिक और एचटी उपभोक्ता हैं. वहीं 42 लाख उपभोक्ताओं में 35 लाख ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता हैं. जिनका औसत मासिक बिल 200 यूनिट से भी कम है. सात लाख शहरी उपभोक्ता हैं. इन सात लाख में 12 हजार घरेलू उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने 400 यूनिट से अधिक खपत मार्च महीने में किया है. इसलिए इस बार इन्हें 6.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल भेजा गया है.

अप्रैल के अंत तक कई और उपभोक्ता होंगे बाहर

जेबीवीएनएल द्वारा बताया गया कि अभी मीटर रीडिंग जारी है. बिल की प्रक्रिया चल ही रही है. अप्रैल अंत तक यह संख्या बढ़ सकती है. वजह है कि गर्मी में लोग एसी का इस्तेमाल करते हैं, तो उनकी खपत बढ़ जायेगी. तब वे सब्सिडी से वंचित रह जायेंगे.

Posted By: Sameer Oraon

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