24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Electricity Tariff: झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई, बिजली टैरिफ बढ़ाने का जोरदार विरोध

Electricity Tariff: झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा जेबीवीएनएल के वित्तीय वर्ष 2024-25 के प्रस्तावित टैरिफ पर जनसुनवाई की गयी. इसमें लोगों ने बिजली टैरिफ बढ़ाने का विरोध किया. आयोग ने कहा कि सबकी बातों का ध्यान रखा जायेगा.

Electricity Tariff: रांची-झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा सोमवार को आइएमए भवन में जेबीवीएनएल के वित्तीय वर्ष 2024-25 के प्रस्तावित टैरिफ पर जनसुनवाई की गयी. यह इस टैरिफ के लिए अंतिम जनसुनवाई थी. इस मौके पर आये लोगों ने एक स्वर में टैरिफ का विरोध किया. उनका कहना था कि इसी वर्ष अप्रैल 2024 में नयी टैरिफ लागू की गयी है. फिर एक ही वर्ष में दूसरी टैरिफ नहीं आनी चाहिए.

आधारभूत संरचना निर्माण के लिए क्या है जरूरी?

बिजली निगम की ओर से कहा गया कि बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए निरंतर आधारभूत संरचना पर काम करना होता है. अंडरग्राउंड केबलिंग से लेकर ग्रिडों और सब स्टेशनों का निर्माण प्रस्तावित है. ऐसे में बड़ी रकम की जरूरत होती है. बिजली टैरिफ मिलेगा, तभी यह काम हो पायेगा. वहीं आयोग की ओर से कहा गया कि सबकी बातों को सुना गया है. आयोग किसी के साथ नाइंसाफी नहीं हो, इस पर गंभीरता से विचार करते हुए ही टैरिफ पर निर्णय देगा. आयोग की ओर से सदस्य विधि महेंद्र प्रसाद व सदस्य तकनीक अतुल कुमार ने सुनवाई की. निगम की ओर से निदेशक (कॉमर्शियल) अरविंद कुमार, रांची के जीएम पीके श्रीवास्तव व अन्य अधिकारी मौजूद थे.

जनसुनवाई में किन्होंने जताया विरोध?

जनसुनवाई में एनके पटोदिया, अजय भंडारी, लघु उद्योग भारती के सुनील गुप्ता, सेवा सदन के अरुण छावछरिया, आदित्य मल्होत्रा आदि ने भी टैरिफ बढ़ाने का विरोध किया.

जनसुनवाई में क्या बोले अजय मारू?

पूर्व राज्यसभा सांसद अजय मारू ने कहा कि जब वे सांसद थे, तब तत्कालीन ऊर्जा मंत्री के साथ बिजली बोर्ड के पुनर्गठन के नियमों को देखा था. पुनर्गठन इसलिए किया गया था कि लोगों को सस्ती दर पर बिजली मिले और बिजली निगमों का घाटा कम हो. झारखंड में 30 प्रतिशत घाटा है, जबकि आंध्र प्रदेश में केवल सात प्रतिशत.

जनसुनवाई में क्या बोले किशोर मंत्री?

एफजेसीसीआइ के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि गरीबों को तो 200 यूनिट फ्री बिजली का लाभ मिल जा रहा है. पर सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाले मध्यम वर्ग पर टैरिफ का भार देना उचित नहीं है. हम कोयले की खदान पर बैठे हैं, फिर भी झारखंड का टैरिफ गुजरात व अन्य राज्यों की तुलना में अधिक कैसे हो रहा है.

जनसुनवाई में क्या बोले अंजय पचेरीवाल?

जेसिया की ओर से अंजय पचेरीवाल ने कहा कि सामान्यत: टैरिफ पीटिशन दाखिल करने के 120 दिनों के अंदर ही इस पर फैसला होना चाहिए. इस टैरिफ में 270 दिनों बाद जनसुनवाई हो रही है. ऐसे में टैरिफ पर विचार ही नहीं होना चाहिए.जेबीवीएनएल बिलिंग व कलेक्शन कितना कर रहा है, इसकी भी जानकारी नहीं है. एटीएंडसी लॉस 31 प्रतिशत है. घाटा कम करने के बजाय बढ़ता जा रहा है.

जनसुनवाई में क्या बोले बीके तुलस्यान?

उद्यमी बीके तुलस्यान ने कहा कि आयोग में भी कमी है. स्टेट एडवाइजरी कमेटी की बैठक हर तीन माह में होनी है, लेकिन नहीं हो रही है. गुजरात में 45 वर्ष पहले ही जेनरेटर की जरूत नहीं पड़ती थी. जबकि झारखंड में आज भी जेनरेटर की जरूरत पड़ती है. एक ही देश में एक राज्य से हम 50 वर्ष पीछे हैं. हमें हर हाल में 24 घंटा सातों दिन बिजली चाहिए. कैसे मिलेगी यह देखना, जेबीवीएनएल का काम है. इनके पास कोई भी शिकायत निवारण कोषांग तक नहीं है.

जनसुनवाई में क्या बोलीं गार्गी श्रीवास्तव?

गजनन फेरो एलॉयल की ओर से गार्गी श्रीवास्तव ने कहा कि बिजली निगम की एकाउंटिंग ही गलत है. 33 केवी वालों को भी तीन प्रतिशत रिबेट देना है. पर बिजली निगम कभी रिबेट नहीं देता. घाटे में चलने वाले निगम के टैरिफ पर विचार नहीं होना चाहिए.

Also Read: Excise Constable Recruitment: सीएम हेमंत सोरेन का निर्देश, अगले तीन दिनों के लिए उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया स्थगित

Also Read: Jharkhand Vidhan Sabha Chunav: कौन हैं संतोष कोलकुंडा, जिन्हें मल्लिकार्जुन खरगे ने मनोनीत किया वार रूम का चेयरमैन?

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें