दहशत : भागो भागो…इटकी में हाथियों का खौफ ऐसा कि नाम सुन शव छोड़कर भागे लोग
रांची के इटकी में जंगली हाथियों का आतंक जारी है. हाथी के हमले में मारे गये लोगों की अंत्येष्टि के लिए ग्रामीण श्मशान घाट पहुंचे थे. इस दौरान हाथी के आने की बात सुनकर ग्रामीण शवों को छोड़ कर भाग गये.
Jharkhand News: इटकी में हाथी के हमले में मंगलवार को चार लोगों की मौत के बाद यहां लोग दहशत में हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार को चचगुरा में मारे गये पुनई उरांव व गोयंदा उरांव के अंतिम संस्कार के लिए लोग श्मशान घाट पर जुटे थे. सभी अंत्येष्टि की तैयारी में जुटे ही थे, कि फिर से हाथी के आने की अफवाह फैल गयी. यह सुनते ही ग्रामीण शवों को छोड़ कर भाग गये. काफी देर बाद ग्रामीण जब आश्वस्त हुए कि हाथी आसपास में नहीं है, तब दहशत के बीच पुन: सभी श्मशान घाट पहुंचे और मृतकों का अंतिम संस्कार किया.
ग्रामीणों के अनुसार, वे पूरी रात जागते रहे. उन्हें हाथियों के आ धमकने का भय सताता रहा. ज्ञात हो कि मंगलवार को झुंड से बिछड़े एक हाथी ने एक महिला समेत चार ग्रामीणों को मार डाला था. इधर, घटना की सूचना मिलने पर बुधवार को पूर्व मंत्री बंधु तिर्की मृतकों के परिजनों से मिले और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.
बता दें कि पुनई को कुचलने के बाद हाथी उसके शव के पास ही बैठा रहा. इस दौरान ग्रामीणों व वन विभाग के अधिकारियों ने हाथी को वहां से भगाने का प्रयास किया था. जिससे हाथी गुस्गुसे में आकर चिंघाड़ने लगा और भीड़ की ओर दौड़ पड़ा. इस दौरान हाथी ने एक ग्रामीण गोयंदा उरांव को सूंड में लपेट कर दूर फेंक दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. ग्रामीण आनन-फानन में उसे इलाज के लिए बेड़ो ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गयी. इस घटना के बाद ग्रामीणों में दहशत है. गांव के लोग रातभर जाग कर गांव की पहरेदारी कर रहे हैं. इधर, हाथी को देखने के लिए उमड़ रही भीड़ और उसके साथ छेड़छाड़ को रोकने के लिए अनुमंडल प्रशासन ने इटकी क्षेत्र में धारा-144 भी लगा दी गई.
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