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रांची के दो युवा ‘प्योरेश डेली’ के सहारे लोगों को पहुंचा रहे ऑर्गेनिक दूध, करोड़ों का पहुंचा टर्नओवर

एमएनसी की हाई पैकेज नौकरी छोड़ रांची के दो युवा मनीष पीयूष और आदित्य कुमार शहर वासियों को शुद्ध दूध उपलब्ध कराने में जुटे हैं. उनके स्टार्टअप ‘प्योरेश डेली’ के सहारे जहां कई लोगों को रोजगार दे रहे हैं, वहीं हजारों घरों में रोजाना ऑर्गेनिक दूध और केमिकल मुक्त डेयरी उत्पाद पहुंचा रहे हैं.

रांची, अभिषेक रॉय : मिलावट के जमाने में शुद्धता बड़ी चुनौती है. बात दूध की हो, तो लोग सोच-विचार कर इसका चयन करते हैं. बच्चों और बुजुर्ग तक बिना मिलावट (प्रिजर्वेटिव) के गाय का दूध पहुंचाने की सोच के साथ ‘प्योरेश डेली’ लगातार आगे बढ़ रहा है. राजधानी के लालपुर निवासी मनीष पीयूष और नामकुम निवासी आदित्य कुमार ने एमएनसी की हाई पैकेज नौकरी छोड़ कर जनवरी 2019 में यह स्टार्टअप शुरू किया था. आज इनकी कंपनी राजधानी के हजारों घरों में रोजाना ऑर्गेनिक दूध और केमिकल मुक्त डेयरी उत्पाद पहुंच रही है. मनीष ने बताया कि उन्होंने इस कंपनी को 10 लाख रुपये की जमापूंजी से बिजनेस टू कंज्यूमर (बी-टू-सी) मॉडल पर शुरू किया था. उस समय डेयरी बिजनेस की ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन अपने सप्लाई चेन से लोगों का विश्वास जीता. इससे कंपनी गूगल इंडिया की सूची में जगह बनाने में सफल रही. फिलहाल कंपनी प्रॉफिटेबल स्टार्टअप के रूप में खड़ी है, जिसकी वैल्युएशन करोड़ों में है. कंपनी का सालाना टर्नओवर पांच करोड़ रुपये का है.

तकनीक के इस्तेमाल से मार्केट पकड़ा

मनीष ने बताया कि कंपनी शुरू करने से पहले उन्होंने शुद्ध दूध एवं इसके उत्पादों की डिमांड और डिलिवरी का आकलन करने के लिए 200 महिलाओं के बीच सर्वे किया. कंपनी को तकनीक से जोड़ा, हैवी मशीनरी और सॉफ्टवेयर तैयार किये, जिसकी मदद से लोग बी-टू-सी मॉडल से जुड़ने लगे. फिलहाल कंपनी में 85 लोगों की टीम काम कर रही है.

शुद्ध दुग्ध उत्पादों की मांग गल्फ कंट्री तक

मनीष ने बताया कि अब उनकी कंपनी बिजनेस-टू-बिजनेस (बी-टू-बी) मॉडल के तहत रिटेल शॉप पर उत्पाद पहुंचा रही है. साथ ही ‘होराइजन मॉडल’ यानी बड़े होटल और रेस्टोरेंट चेन में शुद्ध दूध व अन्य उत्पाद की सप्लाई कर रही है. खास पैकेजिंग के साथ कंपनी के प्रोडक्ट को बेंगलुरु व मुंबई समेत अन्य राज्यों में समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं, कोलकाता के एक्सपोर्टर से जरिये प्योरेश डेली के प्रोडक्ट को गल्फ कंट्री तक पहुंचाया जा रहा है.

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मोमेंटम झारखंड के बाद स्टार्टअप की ठानी

मनीष और आदित्य दोनों ही बीआइटी मेसरा के मेकैनिकल इंजीनियरिंग 2006 बैच पासआउट हैं. मनीष ने आईआईएम इंदौर से 2012 में प्रबंधन शिक्षा हासिल की. इसके बाद टाटा मोटर्स से जुड़े और विदेश चले गये. 2017 तक करीब 20 देश में काम करने के बाद वे मोमेंटम झारखंड के दौरान रांची लौटे. लोगों को सीधे रोजगार से जोड़ सकें, इसलिए स्टार्टअप शुरू किया. वे अपने फार्म पर कॉलेज के युवाओं को भी पार्ट टाइम जॉब से जोड़ रहे हैं. वहीं, कंपनी अब फ्रेंचाइज भी उपलब्ध करा रही है.

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