Jharkhand News: बरियातू पहाड़ी पर बनाये गये दर्जनों मकानों का हो रहा अतिक्रमण, जानिए क्या है कारण

बरियातू पहाड़ी व आसपास की जमीन वहां के जमींदारों की है. वहां के वरिष्ठ लोगों का कहना है कि जमीन गफ्फूर खान, इस्माइल खान और पहलवान खान की थी, जिसे बाद में दान कर दिया गया. दान देते वक्त ही शर्त रख दी गयी थी, कि जमीन का उपयोग सामाजिक कार्यों में ही करना है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 11, 2022 10:36 AM

Ranchi News: बरियातू पहाड़ी और वक्फ बोर्ड की जमीन पर लगातार अतिक्रमण कर धड़ल्ले से निर्माण कार्य हो रहे हैं. पहाड़ी पर दर्जनों इमारतों का निर्माण कर लिया गया है. इसके साथ ही लगी हुई वक्फ की जमीन पर भी लगातार अतिक्रमण कर निर्माण कार्य किये जा रहे हैं. बरियातू मस्जिद कमेटी का दावा है कि आसपास की जमीन के साथ ही बरियातू पहाड़ी भी वक्फ की संपत्ति है. वक्फ की जमीन पर निजी मकानों का निर्माण नहीं हो सकता है. लेकिन हर नियम-कानून को जमीन दलाल धत्ता बता रहे हैं और जिम्मेवार विभाग के अधिकारी इसमें सहभागी बने हुए हैं.

जानकारी के अनुसार, जमीन की खाता संख्या 167 है, जिसमें दाे प्लाॅट है. प्लाॅट संख्या 205 पर पहाड़ी है. इसका क्षेत्रफल 30 एकड़ है. दूसरा प्लाॅट 206 समतल जमीन है, जो तीन एकड़ 87 डिसमिल में फैला हुआ है. इधर, सरकार ने इस पर अपना दावा करते हुए तीन बार (वर्ष 1958, वर्ष 1995 और वर्ष 2000) में केस किया, लेकिन मस्जिद कमेटी की जीत हुई. अभी यह मामला बोर्ड ऑफ रेवन्यू में लंबित है.

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बरियातू पहाड़ी व आसपास की जमीन जमींदारों से मिली

बरियातू पहाड़ी व आसपास की जमीन वहां के जमींदारों की है. वहां के वरिष्ठ लोगों का कहना है कि जमीन गफ्फूर खान, इस्माइल खान और पहलवान खान की थी, जिसे बाद में दान कर दिया गया. दान देते वक्त ही शर्त रख दी गयी थी, कि जमीन का उपयोग सामाजिक कार्यों में ही करना है.

वक्फ की जमीन पर स्कूल-कॉलेज या सामाजिक भवन ही बन सकते हैं

मस्जिद कमेटी के विशेषज्ञों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वक्फ की जमीन पर घर का निर्माण नहीं किया जा सकता है. इस जमीन पर स्कूल-काॅलेज के अलावा सामाजिक कार्य के लिए ही भवन बनाये जा सकते हैं. ऐसे में यहां जितने भी निर्माण हुए हैं, वे सब के सब अवैध हैं.

जमीनी हकीकत

पहाड़ी पर घर बनानेवालों का कहना है कि उन्होंने पैसे देकर निर्माण की अनुमति ली है. अनुमति मिलने के बाद जगह चिह्नित की गयी. पड़ताल में प्रभात खबर प्रतिनिधि ने पाया कि प्लाॅट सं 205 जो पहाड़ी है, वहां दर्जनों घर बन गये हैं. वहीं, प्लाट सं 206 समतल जमीन का अतिक्रमण कर कॉलोनी बसा दी गयी है.

अगर रैयती जमीन है, तो निर्माण किया जा सकता है, लेकिन पहाड़ व वन क्षेत्र में कुछ पाबंदियां हैं. यह जांच का विषय है.

-राहुल कुमार सिन्हा, उपायुक्त रांची

अवैध निर्माण के संबंध में सूचना नहीं है. पहाड़ पर अगर अवैध निर्माण हो रहा है तो यह मामला जिला प्रशासन का है.

-कुंवर सिंह पाहन, अपर नगर आयुक्त

रिपोर्ट : राजीव पांडेय, रांची

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