प्रतिनिधि, घाघरा(गुमला). घाघरा प्रखंड कार्यालय के कनीय अभियंता हरि उरांव पर ‘मनरेगा कूप योजना’ में मापी पुस्तिका बनाने नाम पर शहीद संतोष उरांव के छोटे भाई संतराम उरांव से 30 हजार रुपये घूस लेने का आरोप लगा है. संतराम उरांव ने घूस की यह रकम फोन-पे के जरिये सीधे कनीय अभियंता के फोन-पे पर ट्रांसफर की है. मामला शुक्रवार को उजागर हुआ, जब संतराम ने गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी को हस्तलिखित आवेदन देकर इसकी शिकायत की. उपायुक्त ने घाघरा बीडीओ को मामले की जांच करते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
मनरेगा कूप योजना में मापी पुस्तिका बनाने के लिए घूस मांग रहा था इंजीनियर
संतराम उरांव ने बताया है कि वह सेहल पंचायत के तुरियाडीह गांव का रहनेवाले हैं. उनके परिवार द्वारा गोद लिये गये पुत्र पवन उरांव के नाम से मनरेगा योजना संख्या-6728 के तहत ‘बिरसा संवर्द्धन सिंचाई कूप’ का निर्माण किया गया है. योजना की प्राक्कलित राशि तीन लाख 95 हजार 988 रुपये है. कूप निर्माण का कार्य पूर्ण करा लिया गया है, लेकिन अभियंता हरि उरांव मापी पुस्तिका नहीं बना रहे हैं. इस वजह से उन्हें मेटेरियल का कोई पैसा नहीं मिला. गांव में लोगों से कर्ज लेकर उन्होंने कूप निर्माण कार्य पूर्ण कराया है. कनीय अभियंता हरि उरांव मापी पुस्तिका बनाने के एवज में बार-बार पैसा मांग रहे थे. इस पर संतराम उरांव ने अभियंता के फोन-पे नंबर पर 30 हजार रुपये डाल दिये. इसके बाद भी मापी पुस्तिका नहीं दी गयी. इस संबंध में कनीय अभियंता का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी.नक्सलियों द्वारा किये गये आइइडी ब्लास्ट में शहीद हुए थे संतोष
संतोष उरांव सीआरपीएफ के जवान थे. करीब एक साल पहले चाईबासा में नक्सलियों द्वारा किये गये आइइडी ब्लास्ट में वे शहीद हो गये थे. उनकी शहादत के बाद जिले के उपायुक्त, एसपी, डीडीसी, बीडीओ के अलावा कई राजनीतिक दलों के नेता उनके गांव पहुंचे थे. सभी ने उनके परिजन से मिल कर हर संभव मदद का आश्वासन दिया था.कार्यालय में चिपका रखा है करोड़पति बनने का पोस्टर
कनीय अभियंता हरि उरांव ने अपने कार्यालय में कई पोस्टर चिपकाया है. इसमें लिखा है : मैं करोड़पति हूं. करोड़पति बनना मेरा हक है. करोड़पति बनना मेरे जीवन का लक्ष्य है. पैसे के लिए मैं जो भी काम करता हूं, उसमें मेरा लाभ ही लाभ होता है. संतराम उरांव ने बताया कि जब भी कोई व्यक्ति अभियंता के कार्यालय जाता है, तो अभियंता उससे उक्त स्लोगन पढ़ने के लिए कहते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है