14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Engineers Day 2023: ग्रीन एनर्जी में झारखंड ने खींची लंबी लकीर, हर क्षेत्र में काम कर रहे इंजीनियर

हर वर्ष 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे मनाया जाता है. क्योंकि किसी भी देश के निर्माण में इंजीनियर्स की महता काफी अहम होती है. इनके याेगदान के सम्मान में ही यह दिवस मनाया जाता है. आज की तारीख में इंजीनियर्स के लिए कुदरत के सामने आये खतरे से निबटना भी बड़ी चुनौती है.

रांची, राजेश कुमार‍ : आज महान इंजीनियर, भारत रत्न और ब्रिटिश नाइटहुड पुरस्कार से सम्मानित एम विश्वेश्वरैया की जयंती है. इस अवसर पर हर वर्ष 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे मनाया जाता है. क्योंकि किसी भी देश के निर्माण में इंजीनियर्स की महता काफी अहम होती है. इनके याेगदान के सम्मान में ही यह दिवस मनाया जाता है. आज की तारीख में इंजीनियर्स के लिए कुदरत के सामने आये खतरे से निबटना भी बड़ी चुनौती है. क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में हमारे इंजीनियर्स हर सेक्टर में नयी तरकीब पर काम कर रहे हैं. कोई इको फ्रेंडली वाहनों पर जोर दे रहा है, तो कोई सूखते तालाब और इको फ्रेंडली बिल्डिंग बनाने में जुटा है.

ग्रीन एनर्जी में झारखंड ने लंबी लकीर खींची

पर्यावरण के लिए अच्छी खबर है. अब देश में हाइड्रोजन ईंधन से भी वाहन चलेंगे. और इसका इंजन जमशेदपुर में बनेगा. इसी के साथ ग्रीन एनर्जी में झारखंड ने लंबी लकीर खींच दी है. अपना झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है, जहां हाइड्रोजन ईंधन से चलनेवाले इंजन बनेंगे. पिछले दिनों हाइड्रोजन इंजन निर्माण परियोजना के लिए टाटा मोटर्स और टाटा कमिंस के संयुक्त उपक्रम टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी एनर्जी सोल्यूशन तथा झारखंड सरकार के बीच एमओयू भी हो चुका है. जमशेदपुर में देश के पहले हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े उद्योग की स्थापना होगी. जो मार्च 2024 में आरंभ हो जायेगी. यहां भारी वाहनों के लिए हाइड्रोजन इंटर्नल कंबशन इंजन, फ्यूल एग्नोस्टिक इंजन, एडवांस केमेस्ट्री बैटरी, एच2 फ्यूल सेल तथा एच2 फ्यूल डिलेवरी सिस्टम का निर्माण होगा. कंपनी द्वारा 354.28 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा.

हाइड्रोजन ईंधन के फायदे

हाइड्रोजन ईंधन की क्षमता अन्य ईंधनों की तुलना में अधिक होती है. एनर्जी लेबल अधिक होता है. यह सस्ता और हल्का होता है.हाइड्रोजन ईंधन से प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. यही कारण है कि पेट्रोल और डीजल के बीच इसे एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है.

वेटलैंड और फॉग पर काम कर रहे डॉ कीर्ति

बीआइटी मेसरा के सिविल एंड इवीएन इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ कीर्ति अभिषेक देश के वैसे दो तालाबों पर काम कर रहे हैं, जिन्हें वेटलैंड (आर्द्र भूमि) घोषित कर दिया गया है. अभी बिहार के बेगूसराय के एक तालाब और उत्तर प्रदेश के नवाबगंज के एक तालाब पर काम कर रहे हैं. रिसर्च में यह देखना है कि इन तालाबों के पानी और अगल-बगल के पौधे पर क्या असर पड़ता है. यह भी अध्ययन किया जा रहा है कि पिछले 30 वर्षों में इन तालाबों पर क्या प्रभाव पड़ा है. डॉ कीर्ति ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संगठन रामसा ने देशभर में 30 वेटलैंड को चिन्हित किया है. ये दोनों वेटलैंड इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वाटर रिचार्ज में इनकी अहम भूमिका होती है. इन्हें संरक्षित नहीं किया गया, तो आशंका है कि अगल-बगल के इलाके सूखे जायेंगे.

Also Read: National Engineers’ Day: जानें कौन है एम विश्वेश्वरैया,उनके जन्मदिन पर क्यों मनाया जाता है इंजीनियर्स डे,जानें

फॉग पर भी किया जा रहा है काम

साथ ही पंजाब से लेकर कोलकाता तक जो फॉग बन रहा है, उसपर भी रिसर्च किया जा रहा है. इसमें देखा जा रहा है कि कहां-कहां फॉग बढ़ रहा है. साथ ही पौधरोपण पर भी बढ़ावा दिया जा रहा है. डॉ कीर्ति ने बताया कि इस वर्ष बीआइटी मेसरा में हर्बल प्लांट्स पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, जिसमें लौंग, इलायची, दालचीनी और लेमन ग्रास के पौधे शामिल हैं.

यंग साइंटिस्ट का मिल चुका है अवार्ड

रांची के रहनेवाले डॉ कीर्ति अभिषेक ने संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से चीन में पोस्ट डॉक्टरेट कर चुके हैं. वहां इन्हें यंग साइंटिस्ट का अवार्ड भी मिल चुका है. 2012 में वापस बीआइटी मेसरा पहुंचे और योगदान दिया.

इको फ्रेंडली बिल्डिंग का डिजाइन करती हैं डॉ स्मिता

बीआइटी मेसरा में डिपार्टमेंट ऑफ आर्टिटेक्चर एंड प्लानिंग की विभागाध्यक्ष डॉ स्मिता मिश्रा ने बताया कि हमारी टीम पर अर्बन हीट लैंड पर काम कर रही है. हमारा जोर है कि इस तरह की बिल्डिंग का डिजाइन तैयार किया जाये, जो इको फ्रेंडली हो. भविष्य में होनेवाले नुकसान से बचाये़ इसमें बताया जाता है कि कमरों को इस तरह डिजाइन करें, जिससे हरियाली का अनुभव हो. हमारा फोकस ग्रीन हाउस पर रहता है. हमारे विद्यार्थी अलग-अलग मॉडल एरिया के अनुसार डेवलप करते हैं. साथ ही घर से लेकर ऑडोटोरियम और हॉस्पिटल तक डिजाइन करते हैं, जिससे पर्यावरण को नुकसान न हो. बिना पेड़ को काटे किसी स्ट्रक्चर का डिजाइन तैयार करना बड़ी चुनौती है. इसके लिए आम लोगों को भी जागरूक किया जाता है.

रांची में रफ्तार पकड़ रही इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए राजधानीवासियों का ध्यान इलेक्ट्रिकल वाहनों पर तेजी से बढ़ा है. यही कारण है कि साल 2023 में ही आठ माह के दौरान (जनवरी से अगस्त) कुल 3498 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हो चुकी है. वहीं इसी अवधि में 1292 सीएनजी वाहन बिके. 2022 (जनवरी से दिसंबर) में विभिन्न प्रकार के वाहनों को मिलाकर 3077 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई थी. वहीं, वर्ष 2018 से 2021 के दौरान कुल चार वर्षों में सालाना औसतन 551 इलेक्ट्रिक वाहन बिके थे.

आठ महीने में 1830 दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन बिके

पिछले पांच वर्षों में कुल 3,204 दोपहिया वाहनों की बिक्री हुई थी. वहीं साल 2022 में ही 2,192 दोपहिया वाहन बिक गये़ इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक 1830 दोपहिया वाहनों और इसी अवधि में 135 चारपहिया वाहनों की बिक्री हो चुकी है़ जबकि 2018-22 तक यानी पांच वर्षों में कुल 111 चारपहिया वाहनों की ही बिक्री हुई थी. सीएनजी में पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक 5,526 थ्री व्हीलर वाहन (पैंसेजर) बिके हैं, जबकि 698 चारपहिया वाहनों की बिक्री हुई है.

डीटीओ प्रवीण कुमार प्रकाश ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ने का मुख्य कारण यह है कि पेट्रोल-डीजल की कीमत लगातार बढ़ रही है. इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीदारी पर वाहन निबंधन के दौरान कुल टैक्स राशि पर 25 प्रतिशत की छूट मिलती है. सरकार भी इन वाहनों पर जोर दे रही है. पर्यावरण के लिहाज से इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहन बेहतर हैं. यूजर फ्रेंडली होने के साथ-साथ ध्वनि प्रदूषण भी कम होता है़ मेंटनेंस भी कम है. इसका रखें ख्याल : इलेक्ट्रिक व्हीकल में बैटरी सबसे प्रमुख होती है.बैटरी की लाइफ साइकल, आइपी रेटिंग, सेफ्टी से जुड़ी सावधानी और लोड कैपिसिटी जरूर जान लें. बैटरी महंगा होती है, इसलिए दमदार बैकअप जरूरी है.

इलेक्ट्रिक टू व्हीलर और फोर व्हीलर में इन कंपनियों की है मौजूदगी

टीवीएस मोटर, अथर इनर्जी, ओकाया इवी, केएलबी कोमाकी, पूर इनर्जी, चेतक टेक्नोलॉजी, बजाज ऑटो, ओकीनावा ऑटोटेक, ओला इलेक्ट्रिक, हीरो इलेक्ट्रिक, आरजीएम बिजनेस, एमपेयर व्हीकल्स, वार्डविजार्ड इनोवेशंस, रीवोल्ट इन्टेलीकॉर्प, क्वांटम इनर्जी, एचओपी इलेक्ट्रिक, बेंनलिंग इंडिया, एमो मोबिलिटी एवं टॉर्क मोटर्स के दो पहिया वाहन उपलब्ध हैं. वहीं चार पहिया में टाटा मोटर्स पैसेंजर, टाटा पैंसेजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, बीएमडब्ल्यू इंडिया, ह्रुंडइ मोटर, एमजी मोटर, टाटा मोटर्स, पीसीए ऑटोमोबाइल्स की मौजूदगी है.

सीएनजी वाहनों के आंकड़े

  • वर्ष बिक्री

  • 2023 (जनवरी से अगस्त) 1292

  • 2022 2070

  • 2021 2239

  • 2020 1342

  • 2019 858

  • 2018 15

इवी की बिक्री के आंकड़े

  • वर्ष बिक्री

  • 2023 (जनवरी से अगस्त) 3498

  • 2022 3077

  • 2021 702

  • 2020 250

  • 2019 471

  • 2018 781

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें