रांची. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने व मनी लाउंड्रिंग मामले में सजा काट रहे पूर्व मंत्री एनोस एक्का को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. इससे संबंधित एसएलपी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की सुविधा प्रदान की. जस्टिस एस बालासुब्रमण्यम और जस्टिस पंकज मित्तल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान जमानत देने के आग्रह को स्वीकार कर लिया.
खंडपीठ ने प्रार्थी की दलील सुनने के बाद कहा कि आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में सात साल की सजा प्रार्थी ने काट ली है. मनी लाउंड्रिंग मामले में भी लगभग छह साल की सजा पूरी हो गयी है. इस स्थिति में हिरासत में रखना उचित नहीं है, क्योंकि अपील लंबित है. खंडपीठ ने मामले में प्रतिवादी को जवाब दायर करने का निर्देश दिया.
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इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे, अधिवक्ता गाैरव अग्रवाल, अधिवक्ता राजीव अवस्थी और अधिवक्ता विशाल कुमार ने पैरवी की. यह जानकारी एनोस एक्का की ओर से झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता पल्लव कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि आय से अधिक संपत्ति मामले में निचली अदालत ने सात साल की सजा सुनायी थी और 50 लाख जुर्माना लगाया था, जबकि मनी लाउंड्रिंग के केस में सात साल की सजा व दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था.
बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद इडी के रडार पर हैं. इडी के अधिकारियों ने पुलिस अधिकारियों को पत्र भेज कर अंबा प्रसाद पर दर्ज सभी केस व उसमें न्यायालय में समर्पित आरोप पत्र सहित अन्य बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी. यह पत्राचार इडी को मिली एक शिकायत के आधार पर किया गया था, जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने इडी के पास विधायक अंबा प्रसाद के खिलाफ दर्ज केस का ब्योरा भेज दिया है.