13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उपकरण खरीद में घोटाला : डेंटल कॉलेज के उपकरण खरीद में सरकार को लगाया 28 से 30 करोड़ रुपये का चूना

रिम्स डेंटल कॉलेज में उपकरणों की खरीद के संबंध में महालेखाकार की जांच रिपोर्ट एक बार फिर चर्चा में है. रिपोर्ट के अनुसार, डेंटल कॉलेज में उपकरणों की 32 फीसदी अधिक मूल्य पर खरीदारी की गयी

रांची : रिम्स डेंटल कॉलेज में उपकरणों की खरीद के संबंध में महालेखाकार की जांच रिपोर्ट एक बार फिर चर्चा में है. रिपोर्ट के अनुसार, डेंटल कॉलेज में उपकरणों की 32 फीसदी अधिक मूल्य पर खरीदारी की गयी. इससे करीब 28 से 30 करोड़ का नुकसान हुआ. एजी की रिपोर्ट की मानें, तो 2014-15 से 2018-19 की अवधि में 196.88 करोड़ रुपये में डेंटल कॉलेज के लिए उपकरण की खरीद की गयी. डेंटल कॉलेज के लिए पांच करोड़ का बजट रिम्स शासी परिषद से स्वीकृत था, लेकिन बजट से कई गुना ज्यादा का सामान खरीदा गया.

दोबारा फंड स्वीकृत करा कर मशीन की खरीदारी की गयी. जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को नुकसान हुआ है. निविदाओं के मूल्यांकन नियमों में बदलाव किया गया. वहीं, उपकरणों की कीमतों में वृद्धि की गयी. डीसीआइ द्वारा निर्धारित मापदंड के हिसाब से कॉलेज में 120 उपकरणों की खरीदारी होनी थी, लेकिन 2.09 करोड़ रुपये अधिक खर्च कर 120 के बदले 351 उपकरण खरीदे गये.

  • 40 पृष्ठ की एजी की रिपोर्ट में हर स्तर पर गड़बड़ी पायी गयी है

  • 32 फीसदी अधिक मूल्य पर खरीदे गये डेंटल कॉलेज के उपकरण

  • 120 उपकरण खरीदे जाने थे डीएसइ के मापदंड के हिसाब से लेकिन 2.09 करोड़ अधिक खर्च कर 351 उपकरण खरीदे

“22 करोड़ का नुकसान हुआ बेसिक और एडवांस डेंटल चेयर की खरीद में : एजी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, डेंटल कॉलेज के लिए 110 बेसिक डेंटल चेयर की खरीदारी की गयी. इसका बाजार मूल्य एक से पांच लाख रुपये के बीच है. जबकि प्रति बेसिक डेंटल चेयर 14.28 लाख रुपये की दर से खरीदी गयी. इससे कुल 15.55 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इसी तरह एडवांस डेंटल चेयर, जिसकी कीमत पांच लाख रुपये है, उसे प्रति चेयर 48 लाख रुपये में खरीदा गया.

इस कारण सरकार को 6.45 करोड़ का नुकसान हुआ. इस तरह डेंटल चेयर की खरीद में कुल 22 करोड़ का नुकसान हुआ. वहीं, अधिक मूल्य पर खरीदे गये बेसिक डेंटल चेयर व एडवांस डेंटल चेयर एजी टीम के निरीक्षण के दौरान बेकार पड़े मिले.

डेंटल चेयर और मेडिकल वैन की कैलाश सर्जिकल से नहीं की गयी खरीदारी : डेंटल कॉलेज के लैब के उपकरणों की खरीदारी कैलाश सर्जिकल से की गयी. वहीं, मेडिकल वैन व डेंटल चेयर की खरीदारी कैलाश सर्जिकल से नहीं की गयी. इन सामानों की खरीदारी के लिए एजेंसी को समिति ने तकनीकि रूप से उपयुक्त नहीं पाया था.

डीसीआइ को धोखे में रख कर की गयी गड़बड़ी : डेंटल कॉलेज शुरू करते समय डीसीआइ को भी अंधेरे में रखा. डीसीआइ के मापदंड के हिसाब से 90 तरह के उपकरण कम खरीदे गये. डेंटल काॅलेज में 50 छात्रों की जरूरत के हिसाब से खरीदारी करनी थी, लेकिन रिम्स ने जरूरी उपकरणाें के बजाय अनावश्यक खरीदारी की. टेंडर प्रक्रिया के निबटाने में वित्तीय मूल्यांकन समिति को शामिल नहीं किया गया, जबकि कमेटी में इसका होना जरूरी था.

सप्लायर से 2.48 करोड़ की वसूली नहीं की गयी : उपकरणों की आपूर्ति समय पर नहीं करने की स्थिति में सप्लायर पर दंड लगाने का प्रावधान था, लेकिन इस नियम का उल्लंघन किया गया. स्पलायरों से दंड के रूप में 2.48 करोड़ रुपये की वसूली करनी थी, लेकिन वसूली नहीं की गयी. वहीं, एजी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि भाैतिक सत्यापन के समय 1.08 करोड़ रुपये मूल्य के उपकरण डेंटल कॉलेज में नहीं पाये गये.

Post by : Pritish Sahay

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें