court news : सरकार ने हाइकोर्ट को बताया, धनबाद रिंग रोड के मुआवजा भुगतान में हुई है गड़बड़ी
मामला जमीन अधिग्रहण के बाद रिंग रोड का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने का
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने धनबाद में वर्ष 2011 में प्रस्तावित रिंग रोड के निर्माण कार्य शुरू नहीं होने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान प्रार्थी को याचिका की त्रुटि दो सप्ताह में दूर करने का निर्देश दिया. इससे पहले राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र दायर किया गया. इसमें कहा गया कि रिंग रोड के जमीन अधिग्रहण में मुआवजा भुगतान में गड़बड़ी हुई है. मामले में जांच हो रही है. इसलिए कार्य आगे नहीं बढ़ पाया है. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता योगेश मोदी ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अजय नारायण लाल ने जनहित याचिका दायर कर धनबाद रिंग रोड के निर्माण की मांग की है. याचिका में प्रार्थी ने कहा है कि 13 वर्ष बीत जाने के बाद भी धनबाद में रिंग रोड का निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया है, जबकि इसके लिए राज्य सरकार ने लोगों से जमीन का अधिग्रहण भी कर लिया है. जमीन अधिग्रहण और मुआवजा पर 76 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन अब तक इसका निर्माण कार्य क्यों नहीं शुरू किया गया. 16 मई 2011 को राज्य सरकार ने धनबाद में रिंग रोड बनाने के लिए अधिसूचना निकाली थी. सरकार की एजेंसी झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकार को रिंग रोड बनाने की जिम्मेवारी मिली थी.
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