EV Charging Station: भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर 2024 का संशोधित गाइडलाइन जारी कर दिया है. इसे झारखंड समेत अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों के पास भेजकर सुझाव व आपत्तियां मांगी गयी है. नयी गाइडलाइन में चार्जिंग स्टेशनों को सुरक्षित, विश्वसनीय और सुलभ बनाने पर जोर दिया गया है. इसका उद्देश्य मजबूत राष्ट्रीय चार्जिंग नेटवर्क विकसित करना भी है.
चार्जिंग स्टेशन के लिए जमीन देने वालों को कमाई का हिस्सा मिलेगा
इसमें कहा गया है कि सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना को और अधिक व्यावहारिक बनाने के लिए सरकार या सार्वजनिक संस्थाएं निजी ऑपरेटरों को रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराएं. बदले में भूमि-स्वामित्व वाली एजेंसी को 10 साल की अवधि के लिए चार्जिंग स्टेशन पर खपत की गई बिजली के आधार पर राजस्व का एक हिस्सा दिया जाएगा.
चार्जिंग के लिए किस वक्त देना होगा सबसे अधिक पैसा?
ईवी चार्जिंग को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए चार्जिंग स्टेशनों में दिन-रात के अलग-अलग टैरिफ रखने का प्रावधान किया है. विशेष रूप से सौर घंटों (सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक) के दौरान, चार्जिंग स्टेशनों पर बिजली की लागत न्यूनतम रखने का प्रावधान किया गया है. इसमें कहा गया है कि सुबह 9 बजे से 4 बजे तक एसी (स्लो) की दर 3 रुपये प्रति यूनिट, 4 बजे शाम से सुबह 9 बजे तक 4 रुपये प्रति यूनिट, तथा डीसी (फास्ट) के लिए सुबह 9 बजे से 4 बजे तक 11 रुपये तथा शेष समय में 13 रुपये प्रति यूनिट रखने का प्रावधान किया गया है.
चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली कनेक्शन की अवधि भी तय
चार्जिंग स्टेशन के लिए बिजली कनेक्शन की अवधि भी निर्धारित की गयी है. सभी राज्यों से कहा गया है कि एक नोडल एजेंसी बनाएं, ताकि बिजली वितरण व चार्जिंग स्टेशन के बीच समन्वय स्थापित किया जा सके.
हाई-वे पर 20 किमी और 100 किमी की दूरी पर बनेंगे चार्जिंग स्टेशन
गाइडलाइन में कहा गया है कि राजमार्गों के किनारे नियमित ईवी चार्जिंग के लिए हर 20 किलोमीटर और बसों और ट्रकों जैसे लंबी दूरी के और भारी वाहनों के लिए हर 100 किलोमीटर पर चार्जिंग स्टेशन लगाये जाएंगे. बड़े चार्जिंग स्टेशनों पर ग्राहकों की सुविधा और सुरक्षा के लिए वॉशरूम, पीने के पानी और निगरानी जैसी अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता होगी.
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